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जानलेवा बन रहा स्ट्रोक, इन तरीकों से कम कर सकते हैं रिस्क फैक्टर्स

पहले के मुकाबले भारत में  स्ट्रोक के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। कम उम्र के लोगों में भी स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। जिसके कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थय से जुड़ी समस्या भी होने लगती है। जानें इसके बचाव के तरीके।

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प्रतिकात्मक तस्वीर (क्रेडिट इमेज- फ्रीपिक)

दुनियाभर में 20 और 30 की उम्र के युवा स्ट्रोक का शिकार हो रहे है। लाइफस्टाइल, टेंशन, बीपी की समस्या या फिर डाइबिटीज की वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है और कई बार ये जानलेवा भी हो जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक 10 से 15% स्ट्रोक 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में होते है। विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। विकासशील देशों में कम उम्र में ही स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी के लक्षणों और कारणों को समझना जरूरी है। गुरुग्राम स्थित पारस हेल्थ में न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉक्टर पूजा आनंद ने स्ट्रोक से जुड़ी कई बातें बताई हैं, जिन्हें अपनाकर इससे बचा जा सकता है।

क्या होता है स्ट्रोक?

स्ट्रोक, जिसे "ब्रेन अटैक" के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी तब होती है जब मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आती है ,जिसके कारण शारीरिक और मानसिक कोशिकाएं मर जाती हैं और मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं। किसी भी उम्र के व्यक्ति को ऐसी समस्या हो सकती है। स्ट्रोक कई बार मौत का कारण बन जाता है तो कभी-कभी इसकी वजह से पैरालाइस भी हो सकता है।

स्ट्रोक के लक्षण?

- चेहरे, हाथ और पैर का अचानक सुन्न होना, खासकर शरीर के एक तरफ।
- बोलने में परेशानी या बोलचाल समझने में परेशानी।
- एक या दोनों आंखों से देखने में अचानक परेशानी। 
- चलने में परेशानी।
- चक्कर आना।
- तेज सिरदर्द।

स्ट्रोक का खतरा कब?

उम्र के साथ स्ट्रोक का खतरा तेजी से बढ़ता है। 55 साल की उम्र के बाद स्ट्रोक का खतरा दोगुना बढ़ जाता है। हालांकि, स्ट्रोक किसी भी उम्र में हो सकता है। जिन लोगों को स्ट्रोक होता है उनमें से लगभग 28 प्रतिशत 65 वर्ष से कम उम्र के होते हैं। पुरुषों को महिलाओं की मुकाबले में ज्यादा खतरा होता है। हार्ट से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।

कैसे बचें?

ब्लड प्रेशर का नियंत्रण: हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण है। यदि समय पर ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जाता है, तो इसके कारण स्ट्रोक से बचा जा सकता है। 

वजन पर नियंत्रणः जितना ज्यादा वजन आपका होगा, स्ट्रोक का जोखिम भी उतना ही ज्यादा होगा। नियमित व्यायाम करने से आपका वजन सीमित रह सकता है। 
डायबिटीज का इलाज: समय पर डायबिटीज का  इलाज पूरे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है लेकिन इसके साथ-साथ यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में भी मदद करता है। 
धूम्रपान और शराब छोड़ें: धूम्रपान और शराब स्ट्रोक के मुख्य कारण हैं। यदि आप एक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं, तो धूम्रपान और शराब के सेवन को भी कम या फिर सीमित करें। 
स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां और कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थ  आपके लिए उपयोगी हो सकते है।
तनाव को कम करना: तनाव को जितना कम करेंगे, आपके लिए अच्छा होगा। इससे स्ट्रोक बीमारी से बचा जा सकता है।

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