ज्यादा पानी पीने से मौत भी हो सकती है। जी हां, पिछले साल 35 वर्षीय अमेरिकी महिला एशले की एक साथ 4 बोतल पानी पीने से मौत हो गई थी। इस दुर्लभ और अनोखे स्वास्थ्य कारण को वॉटर टॉक्सिसिटी कहा जाता है। (Water Toxicity) दरअसल, एशेले ने 20 मिनट के करीब 4 लीटर पानी यानी आधा गैलन पानी पी लिया था। डॉक्टर ने बताया कि उसकी मौत हाइपोनेट्रेमिया से हुई थी। यह तब होता है जब खून में सोडियम की मात्रा असामान्य रूप से कम हो जाती है।
बहुत कम लोग वॉटर टॉक्सिसिटी के बारें में जानते है। जब लोगों ने इसके बारे में पहली बार सुना तो सभी को ये लगा कि ऐसा भी कुछ होता है? ऐसे में आइये आपको इस दुर्लभ वॉटर टॉक्सिसिटी के बारे में जो एशेले जैसे कई लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है।
क्या होता है वॉटर टॉक्सिसिटी?
जब कम समय में अधिक मात्रा में पानी पिया जाता है या अंदरूनी स्वास्थ्य स्थितियों के कारण किडनी में बहुत अधिक पानी जमा हो जाता है। यह वॉटर टॉक्सिसिटी का कारण बनता है।
ऐसे लक्षण दिखे तो हो जाएं सावधान
शरीर में पानी की मात्रा कितनी है, इस बात का अंदाजा पेशाब के रंग को देखकर लगाया जा सकता है। आमतौर पर पेशाब के रंग में हल्का पीनापन दिखता है। वहीं, अगर पेशाब का रंग बिल्कुल सफेद है, तो ये बहुत अधिक पानी पीने के कारण होता है।
उल्टी जैसा महसूस होना
शरीर में पानी की मात्रा अधिक होने पर भी आपको उल्टी-मलती जैसा महसूस हो सकता है। अधिक मात्रा में शरीर में पानी होने से किडनी पर भी दबाव पड़ने लगता है। ऐसे में किडनी सही से काम नहीं कर पाता है। इस स्थिति में पानी बाहर निकलने के बजाय बॉडी में ही जमा होने लगता है। ऐसे में व्यक्ति को बार-बार उल्टी जैसा महसूस होगा। थकान, कमजोरी और डायरिया जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
बार-बार पेशाब आना
एक व्यक्ति 6 से 8 बार बाथरूम जा रहा है तो उसे सामान्य माना जा सकता हैं। अगर आप अधिक कैफीन या शराब का सेवन करते हैं, तो करीब 10 बार पेशाब जाना सामान्य है। अगर इससे ज्यादा और बार-बार बाथरूम जा रहे हैं तो समझ जाएं कि आपके शरीर में पानी की मात्रा अधिक है।
सिर में दर्द रहना
शरीर में पानी की अधिक मात्रा से सोडियम या हाइपोनेट्रेमिया की समस्या हो सकती है। सोडियम की कमी होने पर मस्तिष्क पर दबाव बढ़ने लगता है, जिससे सिरदर्द की समस्या होने लगती है। ऐसी स्थिति में मस्तिष्क की मांसपेशियों पर सूजन भी बढ़ने लगती है। सांस लेने में दिक्कत, किसी चीज को समझने में समय लगना, आंखों में हल्की सूजन महसूस होने लगती है।