उत्तरी अफगानिस्तान के हिंदु कुश क्षेत्र में रविवार-सोमवार की रात 6.3 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया। इस भूकंप के झटके पड़ोसी देश पाकिस्तान और ईरान में भी महसूस किए गए। यह भूकंप उसी जगह आया है जहां एक दिन पहले 4.9 तीव्रता का भूकंप आया था। यह इलाका भूकंप के कारण संवेदनशील है और कुछ महीने पहले ही इस इलाके में भूकंप के कारण काफी तबाही मची थी। उस समय 6.0 की तीव्रता से आए भूकंप के कारण 600 लोगों की जान चली गई थी। 6.0 से ज्यादा की तीव्रता के भूकंप को खतरनाक माना जाता है। इस भूकंप से किसी भी प्रकार के नुकसान की जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
इस भूकंप के संभावित प्रभाव को देखते हुए चेतावनी भी जारी कर दी गई है। USGS ने अपने PAGER सिस्टम में इस भूकंप के कारण 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। यह अलर्ट इस बात का संकेत है कि क्षेत्र में भूकंप के कारण भारी नुकसान होने की आशंका है। अफगानिस्तान में आए इस भूकंप ने 31 अगस्त को आए भूकंप की खौफनाक यादें ताजा कर दी हैं।
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रात करीब 1 बजे आया भूकंप
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप सोमवार को स्थानीय समयानुसार रात 12:59 बजे आया। इस भूकंप से अभी किसी बड़े नुकसान की जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया में कुछ भयानक तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों को देखकर भयानक नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में देखा जा सकता है कि सड़कें और गलियां मलबों से भरी पड़ी हैं। इस भूकंप से आम लोगों में दहशत का माहौल है और लगातार लग रहे भूकंप के झटकों ने चिंता बढ़ा दी है।
कहां था भूकंप का केंद्र?
अफगानिस्तान में आए इस भूकंप के केंद्र के बारे में अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने जानकारी दी है। USGS के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र उत्तरी अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ शहर के पास खुल्म के पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में 22 किलोमीटर दूर है। इस जगह पर 28 किलोमीटर गहराई में भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। इस भूकंप के झटके अफगानिस्तान में काबुल तक और ईरान में मशहद और पाकिस्तान में इस्लामाबाद तक महसूस किए गए। इसी क्षेत्र में शनिवार को 4.9 तीव्रता का भूकंप आया था।
31 अगस्त को हुई थी तबाही
अफगानिस्तान में भूकंप की यह पहली घटना नहीं है। इसी क्षेत्र में31 अगस्त को 6.0 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था। उस भूकंप का केंद्र जलालाबाद के पूर्व-उत्तर-पूर्व में 42 किलोमीटर दूर था। सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, उस त्रासदी में 800 लोगों की जान चली गई थी। 2023 के बाद यह इस क्षेत्र का सबसे खतरनाक भूकंप था। अगस्त में आए भूकंप से 800 लगों की जान जाने के अलावा 6700 से ज्यादा घर नष्ट हो गए थे और कई सड़कें बंद हो गई थीं। अब दो महीने बाद आए इस भूकंप ने पिछली त्रासदी की यादें ताजा कर दीं हैं और लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
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बार-बार क्यों आते हैं भूकंप?
अफगानिस्तान में भूकंप आना आम हो चुका है। 31 अगस्त को आए भूकंप से पहले 7 अक्टूबर, 2023 को 6.3 तीव्रता के भूकंप ने अफगानिस्तान में तबाही मचाई थी। इस भूकंप में 4,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। अफगानिस्तान एक भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है और यहां भूकंप आना एक आम बात है। दरअसल हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन के पास स्थित है। दो प्लेटों के लगातार टकराने और खिसकने के कारण यह क्षेत्र बहुत ज्यादा अस्थिर है, जिससे यहां भूकंप बार-बार आते है और उनसे भयंकर तबाही मचती है।