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बांग्लादेश के हर रेस्टोरेंट में बीफ रखने की मांग क्यों उठ रही

बांग्लादेश के हर रेस्टोरेंट में बीफ बेचे जाने की मांग उठ रही है। मुस्लिम कंज्यूमर राइट्स काउंसिल ने इस बात को लेकर रैली निकाली।

representational image : PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । पीटीआई

बांग्लादेश में मुस्लिम कंज्यूमर राइट्स काउंसिल ने मंगलवार को बंगशाल एरिया में एक रैली का आयोजन किया। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक इस रैली का उद्देश्य बांग्लादेश में उन रेस्टोरेंट का बॉयकाट करना था जिन पर बीफ नहीं बिकता है।

 

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि रेस्टोरेंट में अनिवार्य रूप से बीफ के व्यंजनों को शामिल करना होगा और जो भी रेस्टोरेंट ऐसा नहीं करेगा उसे बंद करने की चेतावनी दी

 

काउंसिल का कहना था कि कुछ रेस्टोरेंट बीफ नहीं रखते जो कि कथित रूप से मुस्लिम कंज्यूमर की पसंद के खिलाफ है। 

'बीफ इस्लामिक पहचान'

खबरों के मुताबिक काउंसिल के कन्वीनर ने ढाका ट्रिब्यून को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि बीफ इस्लामिक पहचान का सिंबल है। उन्होंने अपने रेस्टोरेंट में हलाल फूड को मेंशन न करने के लिए पश्चिमी देशों की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि यह डबल स्टैंडर्ड है।

 

हिंदुओं के साथ हिंसा जारी

यह रैली ऐसे समय में की जा रही है जब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के साथ लगातार हिंसा जारी है। आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक शेख हसीना के अपदस्थ होने के बाद से अब तक 88 अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की गई है।

 

हालांकि अंतरिम सरकार में प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम का कहना है कि हिंसा की घटना से संबंधित 70 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है।

विक्रम मिस्री ने किया था विजिट

9 दिसंबर को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के बारे में बात की। उन्होंने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की अपील की।

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