बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। शेख हसीना के अलावा 97 अन्य लोगों के भी पासपोर्ट रद्द कर दिए गए हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस के आदेश पर जिन लोगों के पासपोर्ट रद्द किए गए हैं उनपर पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह में संलिप्तता के आरोप हैं।
इनमें से ज्यादातर अवामी लीग से जुड़े नेता और शेख हसीने के करीबी कारोबारी हैं। शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द करने का साफ मतलब है कि अगर वह भारत छोड़कर कहीं भी जाती हैं को उन्हें फौरन अरेस्ट कर लिया जाएगा। इस फैसले से बांग्लादेश में पहले से ही चल रहे राजनीतिक विवाद और अधिक गहरा सकते हैं।
गिरफ्तारी वारंट जारी
इससे पहले बांग्लादेश में शेख हसीना और उनके 10 अन्य सहयोगियों के खिलाफ अंतरिम सरकार ने गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। इनमें पूर्व सरकार में रक्षा सलाहकार मेजर जनरल तारिक अहमद सिद्दीकी और पूर्व पुलिस आईजीपी बेनजीर अहमद सहित कई सांसद शामिल थे।
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने उठाया कदम
दरअसल, शेख हसीना के खिलाफ यह कदम अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने उठाया है। आईसीटी के अध्यक्ष जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार ने हसीना की गिरफ्तारी का आदेश दिया है और उन्हें 12 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया है। बता दें कि शेख हसीना के खिलाफ जारी किया गया यह दूसरा गिरफ्तारी वारंट है।
बांग्लादेश में पिछले साल हुए हिंसक आंदोलन में अंतरिम सरकार ने शेख हसीना पर अपराध और नरसंहार जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही सरकार ने उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल की कानूनी जांच भी तेज कर दी है। आरोपों में कहा गया है कि हसीना की सरकार में प्रशासन लोगों को जबरन गायब करने में शामिल था।