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भारत से तल्ख रिश्ते, मोहम्मद यूनुस के चीन दौरे का संदेश क्या है?

बांग्लादेश के सलाहकार यूनुस चीन से कर्ज राहत मांगने पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।

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बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार यूनुस, Photo Credit: x/Chief Adviser of the Government of Bangladesh

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस सरकार के मुखिया के तौर पर पहली बार चीन पहुंचे हैं। इस दौरे की सबसे खास बात यह है कि यूनुस बांग्लादेश के स्वंतत्रता दिवस के दिन ही चीन पहुंचे।

 

बुधवार को ढाका में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजली देने के कुछ घंटों बाद ही यूनुस चार दिनों के आधिकारिक दौरे के लिए चीन रवाना हुए। संयोग की बात है कि सत्ता से हटने से पहले अवामी लीग सरकार की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी अपने कार्यकाल के आखिरी दौरे पर चीन ही गई थीं। 

 

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संयोग नहीं संदेश...

यह कोई संयोग नहीं है कि यूनुस की चीन यात्रा, भारत के साथ बांग्लादेश के तनावपूर्ण संबंधों के दौरान हुई है। दरअसल, बागंलादेश ने ऐसा करके भारत को एक संदेश देने की कोशिश की है। दरअसल, यूनुस बुधवार शाम चीन के हैनान प्रांत पहुंचे। चीन में बांग्लादेश के राजदूत मोहम्मद नजमुल इस्लाम और हैनान के उप-राज्यपाल ने क्यून्गाई बोआओ ने अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। 

 

अहम समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ढाता में चीनी राजदूत याओ वेन ने मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी। यूनुस पिछले अगस्त में बांग्लादेश की अतंरिम सरकार के प्रमुख बने थे।

 

बांग्लादेश अखबार डेली स्टार के मुताबिक, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार यूनुस शुक्रवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे। यह दौरा बागंलादेश-चीन संबंधों को दोबारा से स्थापित करने के लिए बेहद महत्वपू्र्ण माना जा रहा है। 

 

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यूनुस-शी जिनपिंग की मुलाकात एक संदेश?

चीनी चार्टर्ड फ्लाइट से मोहम्मद यूनुस का स्वागत करना अपने आप में एक महत्वपूर्ण संदेश है। ढाका के शीर्ष विदेश मंत्रालय के अधिकारी मोहम्मद जशीम उद्दीन ने बताया, 'मुहम्मद यूनुस ने अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए चीन को चुना है और इसके साथ ही बांग्लादेश की ओर से एक तरीके से एक संदेश दिया जा रहा है।' शी जिनपिंग के साथ बैठक करने के साथ यूनुस एशिया के  लिए बोआओ फोरम को संबोधित करेंगे। इसके अलावा चीनी फर्मों के सीईओ से भी मिलेंगे। 

 

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ढहती अर्थव्यवस्था को बचाएगा चीन?

बांग्लादेश की ढहती अर्थव्यवस्था को उबारने के उद्देश्य से चर्चा की जा रही है। ढाका स्थित द बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश-चीन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत और एक संशोधित द्विपक्षीय निवेश संधि शामिल है।

 

बता दें कि चीन बांग्लादेश का एक प्रमुख निवेशक और बांग्लादेश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। यूनुस के कार्यभार संभालने के बाद से कम से कम 14 चीनी फर्मों ने 230 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जिससे चीन का प्रभाव बढ़ गया है। यूनुस वित्तीय सहायता और चटगांव में चीनी आर्थिक क्षेत्र जैसे बुनियादी ढांचे के सौदे हासिल करने की कोशिश करेंगे। 


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