डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों को बड़ी राहत दी है। अमेरिका के नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (USCIS) ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई ग्रेजुएट अमेरिका में रहता है और उसे एच-1बी वीजा स्पॉन्सर किया गया है तो उस पर एक लाख डॉलर का शुल्क नहीं लगेगा। इसके अलावा मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों पर भी यह फीस नहीं लगेगी। बता दें कि ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का सबसे अधिक भारतीयों को फायदा होगा, क्योंकि एक आंकड़े के मुताबिक करीब 70 फीसदी एच-1बी वीजा भारतीय नागरिकों को मिलते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने 19 सितंबर को एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर यानी भारतीय मुद्रा में लगभग 88 लाख रुपये की फीस लगाई थी। यह फैसला 21 सितंबर की रात 12 बजे से लागू है। खास बात यह है कि फीस वीजा स्पॉन्सर करने वाली कंपनियों पर लगा है। मगर ऐसा माना जा रहा था कि भारी भरकम फीस की वजह से कंपनियां भारतीय तकनीक विशेषज्ञों को भर्ती करना छोड़ सकती है। करीब एक महीने बाद अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा ने नियमों को स्पष्ट किया है। इससे पहले एच-1बी वीजा पर असमंजस की स्थिति बनी थी।
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- आव्रजन सेवा का कहना है कि एक लाख डॉलर का शुल्क एफ-1 छात्र वीजा धारक, L-1 इंट्रा-कंपनी ट्रांसफरी और नवीनीकरण या विस्तार चाहने वाले मौजूदा एच-1बी वीजा धारकों पर नहीं लगेगा। अगर कोई विदेशी छात्र मौजूदा स्टेटस को बदलता है तो उसे भी फीस नहीं चुकाना पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर अगर कोई एफ-1 वीजा पर और एच-1बी पर जाता है तो उसे छूट रहेगी।
- अगर किसी ने 21 सितंबर की रात 12:01 बजे से पहले एच-1बी वीजा का आवेदन किया तो उस पर भी यह भारी भरकम फीस नहीं लगेगी। जब ट्रंप ने फीस बढ़ाने का ऐलान किया था तब अमेरिकी की विभिन्न कंपनियों ने अपने एच-1बी वीजा धारकों को 24 घंटे के अदर लौटने का आदेश दिया। आशंका जताई जा रही थी कि 21 सितंबर के बाद उन्हें अमेरिका में दाखिल होने के लिए 1 लाख डॉलर का भुगतान करना पड़ सकता है। अब एजेंसी ने स्पष्ट कर दिया है कि एच-1बी वीजा धारक बिना किसी रोक-टोक के अमेरिका में आ जा सकते हैं।
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एच-1बी वीजा पर भारतीयों का कितना दबदबा
हर 10 में से 7 एच-1बी वीजा भारतीयों को मिलते हैं। मौजूदा समय में तीन लाख भारतीय इसी वीजा के दम पर अमेरिका में कार्यरत हैं। भारत के बाद चीन का नंबर आता है। 11 फीसद के करीब एच-1बी वीजा चीनी नागरिकों को मिलते हैं। साल 1990 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश ने इसे शुरू किया। यह वीजा विदेशी नागरिकों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है। हर साल लॉटरी सिस्टम की मदद से 85 हजार नए वीजा जारी किए जाते हैं।