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जस्टिन ट्रुडो के सियासी संकट में 'विलेन' क्यों बने डोनाल्ड ट्रम्प?

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मेक्सिको और कनाडा को 25 प्रतिशत टैक्स लगाने की धमकी है। उनकी धमकी का असर यह हुआ कि जस्टिन ट्रूडो की सरकार अस्थिरता की ओर बढ़ गई। अमेरिका की ताकत क्या है, आइए समझते हैं।

Justin Trudeau

जस्टिन ट्रुडो और अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रम्प। (Photo Credit: Justin Trudeau, X)

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो इस्तीफा दे सकते हैं। उनकी 'लिबरल पार्टी' के नेता ही दबाव बना रहे हैं कि वह अपने पद से हट जाएं। उनकी पूर्व सहयोगी रहीं कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने भी उनका साथ छोड़ दिया था।

जस्टिन ट्रुडो के सियासी संकट की एक वजह डोनाल्ड ट्रम्प माने जा रहे हैं। उन्होंने कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है। नए ट्रेड वार से डरकर भी कनाडा के राजनीतिज्ञ आशंकित हैं और चाहते हैं कि जस्टिन ट्रुडो इस्तीफा दे दें।

कनाडा इकलौता देश नहीं है जो किसी अमेरिकी राजनेता की वजह से अस्थिरता की ओर बढ़ा है। कई देशों का भविष्य अमेरिका के व्हाइट हाउस से तय होता है। अमेरिकी प्रतिबंधों की धाक वैसे ही होती है, जैसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने किसी देश में प्रतिबंध लगा दिया हो।

कब कमान संभालेंगे डोनाल्ड ट्रम्प? 
डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की कमान संभालेंगे। उन्होने साफ कह दिया है कि वह कनाडा और मेक्सिको पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएंगे। उनका कहना है कि अगर ये देश ड्रग और अवैध प्रवासियों की अमेरिका में एंट्री नहीं रोकते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प के इस फैसले की वजह से असर यह होगा कि अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको का फ्री ट्रेड डील प्रभावित हो जाएगा। दोनों देशों में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ जाएगी। 

चीन को भी धमकी देते हैं ट्रम्प
डोनाल्ड ट्रम्प सिर्फ कनाडा, मेक्सिको, भारत और ब्राजील जैसे देशों को ही नहीं धमकी नहीं देते हैं बल्कि उनके निशाने पर चीन भी रहता है। उन्होंने कहा है कि चीन में 10 फीसदी अतिरिक्ट टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रम्प ने साफ कहा है कि जिस दिन वह सत्ता संभालेंगे मेक्सिको और कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे।

क्यों अमेरिका की धमकियों से अस्थिर होती हैं सरकारें?
मेक्सिको और कनाडा जैसे देश अमेरिका के सबसे बड़े ट्रेड पार्टनर्स में से एक हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा से अमेरिका 83 फीसदी उत्पाद खरीदता है और मेक्सिको से 75 फीसदी। अगर अमेरिका ने टैरिफ लगा दिया तो इन देशों की अर्थव्यवस्था पर तगड़ा प्रभाव पड़ेगा। दोनों देश अपने उत्पादों को बेचने के लिए बड़े पैमाने पर निर्भर हैं।

अमेरिकी टैरिफ की वजह से एशिया के देश भी प्रभावित होंगे। एशियाई ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री के निर्माता भी ट्रम्प के आर्थिक प्रतिबंधों का नतीजा भुगत सकते हैं। मेक्सिको में प्रोडक्शन की कीमत कम है। अमेरिकी बाजारों में पांव पसारने का रास्ता मेक्सिको से होकर गुजरता है। कनाडा के साथ भी यही स्थिति है। 

ट्रम्प की धमकी कोरी नहीं है। उनकी धमकी का असर अमेरिका-मेक्सिको और कनाडा एग्रीमेंट (USMCA) पर भी होगा। साल 2020 में हुए इस समझौते के बाद कई उत्पाद फ्री ट्रेड को बढ़ावा दे रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने थिंक टैंक डिजार्डियंस के हवाले से कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों की वजह से साल 2028 के अंत तक कनाडा की जीडीपी में 1.7 फीसदी तक गिर सकती है। कनाडा की जीडीपी अभी 2.14 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। 

 

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