अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में फॉक्स न्यूज रेडियो को दिए एक इंटरव्यू में दावा किया कि इस बात की पूरी संभावना है कि भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनसे मुलाकात के लिए प्रेरित किया होगा। ट्रंप ने कहा, ‘हर चीज का कुछ न कुछ असर होता है।’ उन्होंने आगे बताया कि भारत पर लगाए गए टैरिफ ने भारत को रूस से तेल खरीदने से ‘काफी हद तक रोक दिया।’
इस महीने की शुरुआत में, ट्रंप ने नई दिल्ली द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण भारतीय सामानों पर भारी टैरिफ लगाने का आदेश दिया था। कई उत्पादों पर टैरिफ का स्तर 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है, जो अमेरिका के किसी भी व्यापारिक साझेदार पर लगाए गए सबसे ऊंचे टैरिफ में से एक है।
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान: आजादी के जश्न में चलीं गोलियां; छोटी बच्ची समेत 3 की मौत
टैरिफ बड़ी वजह
ट्रंप ने संकेत दिया कि भारत पर लगाए गए ये टैरिफ शायद पुतिन के मुलाकात के लिए सहमत होने में एक कारण रहे होंगे। उन्होंने कहा, ‘जब आप अपने दूसरे सबसे बड़े ग्राहक को खो देते हैं और शायद पहला सबसे बड़ा ग्राहक भी खोने वाला हो, तो मुझे लगता है कि इसका असर जरूर पड़ता है।’
पिछले कुछ वर्षों में वॉशिंगटन के लिए चीन के साथ रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता में भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार बनकर उभरा है। हालांकि, भारत का अमेरिका के साथ बड़ा व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) और रूस के साथ उसके करीबी संबंधों ने नई दिल्ली को ट्रंप के वैश्विक टैरिफ हमले का मुख्य निशाना बना दिया है। ट्रंप रूस पर यूक्रेन के साथ शांति समझौता करने के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, और भारत पर टैरिफ इस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
शुक्रवार को होगी मीटिंग
ट्रंप ने इंटरव्यू में यह भी कहा कि वह शुक्रवार को अलास्का में पुतिन से मुलाकात करने वाले हैं। उन्होंने बताया कि अगर यह मुलाकात सफल रही, तो वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को भी बातचीत के लिए बुला सकते हैं। ट्रंप ने तीन अलग-अलग स्थानों पर इस मुलाकात की योजना बनाई है, जिसमें अलास्का सबसे आसान विकल्प हो सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर मुलाकात अच्छी रही, तो वह ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं को बुलाएंगे। लेकिन अगर यह मुलाकात असफल रही, तो वह घर वापस लौट जाएंगे और रूस पर नए प्रतिबंध लगाने पर विचार करेंगे। ट्रंप ने कहा, ‘इस मुलाकात में 25 प्रतिशत संभावना है कि यह सफल नहीं होगी, लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।’
लंबे समय से है व्यापार
भारत और रूस के बीच तेल व्यापार लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद रूस को आर्थिक ताकत दे रही है, जिसका इस्तेमाल वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में कर रहा है। इसलिए, भारत पर टैरिफ लगाकर ट्रंप रूस पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें-- बलूच लिबरेशन आर्मी के गुनाह, जिनकी वजह से अमेरिका ने भी मान लिया आतंकी
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसे बड़े व्यापारिक साझेदार पर भारी टैरिफ लगाने से अमेरिका-भारत संबंधों पर असर पड़ सकता है। भारत ने अभी तक इन टैरिफ का जवाब देने के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है, लेकिन भविष्य में वह जवाबी कार्रवाई कर सकता है।