अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से किसी न किसी बात पर विवाद बना हुआ है। अब खबर है कि अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) और यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के बीच विवाद हो गया है। बताया जा रहा है कि DOGE और USAID के बीच एक्सेस सिस्टम को लेकर विवाद हुआ है।
DOGE की कमान अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के पास है। इस विभाग का सरकारी खर्चों में कटौती करना है। हाल ही में एलन मस्क ने USAID से जुड़ी एक खबर को रिपोस्ट करते हुए इस एजेंसी को 'आतंकी संगठन' बताया था। साथ ही इसे खत्म करने की बात कही थी।
USAID के कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, USAID के सीनियर अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि DOGE ने कुछ खुफिया जानकारी मांगी थी, जिसे USAID ने देने से मना कर दिया था। इसके बाद USAID के सीनियर स्टाफ को छुट्टी दे दी गई है। वहीं, USAID का कहना है कि DOGE के पास उन खुफिया जानकारी तक पहुंच की जरूरी मंजूरी नहीं थी।
USAID की वेबसाइट को हाल ही में बंद कर दिया गया था। इसके अलावा, USAID के वॉशिंगटन दफ्तर से 50 से ज्यादा सीनियर अफसरों को भी छुट्टी पर भेज दिया था।
रविवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि USAID को कुछ 'कट्टरपंथी पागल' चला रहे हैं और हम उन्हें बाहर निकालने जा रहे हैं।
मस्क और USAID में ठनी!
USAID संघर्ष प्रभावित देशों में मानवीय सहायता भेजता है। इस एजेंसी का गठन 1961 में हुआ था। इसका बजट 50 अरब डॉलर से ज्यादा है। हाल ही में एलन मस्क और USAID के बीच जबरदस्त ठन गई थी।
एलन मस्क ने USAID पर कोविड समेत बायोलॉजिकल वेपन तैयार करने में फंडिंग करने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही ये भी दावा किया था कि 'USAID कुछ कट्टरपंथी-मार्क्सवादियों का झुंड है जो अमेरिका से नफरत करता है।'
DOGE ने क्या कहा?
USAID के कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजने को DOGE ने सही ठहराया है। DOGE की सदस्य कैटी मिलर ने कहा, 'बिना सिक्योरिटी क्लियरेंस के किसी भी क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट को एक्सेस नहीं किया गया।'
हाल के दिनों में USAID और अमेरिकी सरकार के बीच जमकर तनातनी चल रही है। ट्रंप भी एजेंसी को खतरनाक बता चुके हैं। USAID के खिलाफ ऐसे वक्त कार्रवाई की गई है, जब हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने विदेशों को दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी है।