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रूस में कैसे हुआ था ड्रोन हमला? यूक्रेन का पूर्व डीजे निकला जासूस

रूस में लड़ाकू विमानों को नुकसान पहुंचाने वाले ड्रोन हमले में छिपकर ड्रोन के अलग अलग हिस्सों को देश में लाकर असेंबल किया गया और इसके बाद हमला किया गया।

russian drone attack । Photo Credit: PTI

रूसी ड्रोन हमला । Photo Credit: PTI

रूस की मीडिया ने यूक्रेन के एक पूर्व डीजे, आर्टेम टिमोफीव को ‘जासूस’ बताया है, जिसने रविवार को रूस के चार हवाई अड्डों पर हमला करने वाली यूक्रेन की ‘ऑपरेशन स्पाइडरवेब’ की अगुवाई की थी। इस हमले में रूस के एक तिहाई परमाणु बमवर्षक विमानों को नष्ट कर दिया गया। 

 

रिपोर्ट्स के अनुसार, 37 साल के आर्टेम टिमोफीव ने उन ट्रकों का इस्तेमाल किया, जिनमें हमले के लिए कंटेनर ले जाए गए थे। डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन ट्रकों के ड्राइवरों ने बताया कि उन्हें एक ‘आर्टेम’ नाम के व्यक्ति से निर्देश मिले थे। ड्राइवरों को कहा गया था कि कंटेनरों में लकड़ी के फ्रेम वाले घर हैं।

 

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ऑर्टेम की पत्नी पर भी शक

रूस के एक ब्लॉगर ने दावा किया कि आर्टेम इर्कुत्स्क क्षेत्र में हुए हमले से जुड़ा है और उसके नाम पर चार ट्रक रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से एक का इस्तेमाल हमले में हुआ। रूसी मीडिया को आर्टेम की पत्नी, एकाटेरिना टिमोफीवा पर भी हमले में शामिल होने का शक है।

 

रूस के चेल्याबिंस्क में एक फ्लैट का संबंध इस दंपती से बताया जा रहा है, और बताया जाता है कि हमले से एक हफ्ते पहले आर्टेम वहां देखा गया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि इस ऑपरेशन से जुड़े सभी लोग रूस से बाहर निकाल लिए गए हैं। इसका मतलब है कि अगर आर्टेम इस ऑपरेशन में शामिल था, तो वह अब रूस में नहीं हो सकता।

 

यूक्रेन का ड्रोन हमला

यह हमला यूक्रेन के सबसे चौंकाने वाले ऑपरेशनों में से एक था, जिसकी योजना डेढ़ साल पहले शुरू हुई थी। 2023 के अंत में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपने जासूस प्रमुख को यह मुश्किल काम सौंपा था। शक्तिशाली मिसाइलें दागने वाले रूस के रणनीतिक बमवर्षक विमान यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम की पहुंच से बाहर थे और रूस के हवाई अड्डों पर, यूक्रेन से 3,000 मील तक की दूरी पर तैनात थे।

 

कैसे हुआ हमला

यूक्रेन की एसबीयू सुरक्षा सेवा ने ड्रोन के पुर्जे रूस में तस्करी के जरिए पहुंचाए और उन्हें एक गुप्त स्थान पर असेंबल किया। एसबीयू के एजेंटों ने अनजान ट्रक ड्राइवरों का इस्तेमाल किया, जिन्होंने कंटेनरों की छतों में ड्रोन छिपाकर रूसी हवाई ठिकानों के पास पहुंचाया। रविवार को, इन कंटेनरों की छतें दूर से खोली गईं और दर्जनों ड्रोन छोड़े गए।

 

यूक्रेन ने दावा किया कि सिर्फ 2,000 डॉलर की लागत वाले ड्रोन से चार ठिकानों पर 7 अरब डॉलर की कीमत के 41 लड़ाकू विमानों को नुकसान पहुंचाया गया। यह ऑपरेशन यूक्रेन की सैन्य रणनीति और साहस का एक बड़ा उदाहरण है।

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