बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। उधर 9 दिसंबर को भारत के विदेश सचिव बांग्लादेश जाने वाले हैं वहीं उससे पहले इस्कॉन ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश के ढाका में उसके सेंटर को जला दिया गया है।
कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने एक्स पर किए एक पोस्ट में कहा, 'बांग्लादेश में इस्कॉन के नमहट्टा सेंटर में आग लगा दी गई है, श्री श्री लक्ष्मी नारायण की मूर्तियों सहित मंदिर के अंदर मौजूद सारे सामान जल गए हैं'। यह सेंटर ढाका में मौजूद है।
दास ने कहा, 'आज तड़के 2-3 बजे के बीच बदमाशों ने श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर और श्री श्री महाभाग्य लक्ष्मी नारायण मंदिर में आग लगा दी, जो ढाका जिले के तुराग पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत धौर गांव में स्थित हरे कृष्ण नमहट्टा संघ के अंतर्गत आते हैं।'
आगे उन्होंने कहा, 'मंदिर के पीछे की तरफ टिन शेड को उठाकर पेट्रोल या ऑक्टेन का प्रयोग करके आग लगाई गई।' उन्होंने कहा, 'हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले जारी हैं। उनकी शिकायतों का निस्तारण करने के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा कुछ भी नहीं किया जा रहा।
हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार बनने के बाद से ही हिंदुओं पर हमले लगातार जारी हैं। पिछले चार महीनों में इस्कॉन की प्रॉपर्टी को भी जलाया गया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेशी राष्ट्रध्वज के ऊपर भगवा ध्वज लहराने के आरोप में हिंदू संत चिन्मय दास को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद हुए विरोध प्रदर्शन में एक वकील की जान चली गई थी। चिन्मय दास के वकील के ऊपर भी हमला हुआ है इस वजह से फिलहाल उनका पक्ष रखने वाला भी कोई नहीं है।
भारत ने जताया था विरोध
बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार पर भारत सरकार ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा था कि बांग्लादेश को अपने सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की जिम्मेदारी को निभाना चाहिए। भारत ने बांग्लादेश में बढ़ रहे चरमपंथ को लेकर चिंता जताई थी। इसके अलावा बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी वहां हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के लिए मौजूदा बांग्लादेशी सरकार की आलोचना की थी।