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अमेरिका पर हुआ वह हमला जिसने दुनिया के सबसे ताकतवर देश की कमर तोड़ दी

साल 2001 में आतंकियों ने एक ऐसे देश को निशाना बनाया था जो खुद को सबसे ताकतवर मानता था। इस घटना ने दुनिया की दिशा नए सिरे से तय कर दी थी।

9/11 Terror Attack of US

साल 2001 में अमेरिका में हुए आतंकी हमले की तस्वीर, Image Credit: Reuters

अमेरिका के इतिहास की एक ऐसी तारीख जिसने न सिर्फ दुनिया के इस सबसे ताकतवर मुल्क को हिला डाला बल्कि पूरी दुनिया की रूह कंपा दी। इसका बदला लेने के लिए अमेरिका ने जमकर खून भी बहाया। इतना ही नहीं, इसी घटना के बाद से दुनियाभर के मुस्लिमों को शक की नजर से देखा जाने लगा क्योंकि यह सीधे तौर पर साबित हो रहा था कि अमेरिका पर हुए इस आतंकी हमले में आतंकी ओसामा बिन लादेन का हाथ था। यह घटना है अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित वर्ल्ड ट्रेड टावर की दो ऊंची इमारतों से दो हवाई जहाजों के टकराने की। यानी यह घटना है 9/11 के नाम से मशहूर उस आतंकी हमले की जिसका वीडियो आज भी गाहे-बगाहे वायरल हो जाता है। यह घटना 11 सितंबर 2001 को मंगलवार के दिन हुई थी।

इन हमलों को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने चार विमानों को हाईजैक कर लिया था। इसी में से एक विमान 8 बजकर 46 मिनट पर वर्ल्ड ट्रेड टावर के उत्तरी टावर से टकराया। दूसरा विमान ठीक 17 मिनट बाद यानी 9 बजकर 3 मिनट पर दक्षिणी टावर से टकराया। हादसा इतना भीषण था पूरी बिल्डिंग जैसे दो हिस्सों में बंट गई। दो घंटे के अंदर 110 मंजिला इमारत ढह गई और हजारों लोग दम घुटने या अन्य कारणों से मारे गए। 

9 बजकर 37 मिनट पर तीसरा विमान वॉशिंगटन डीसी से थोड़ी दूर पेंटागन में स्थित अमेरिका रक्षा विभाग के मुख्यालय से टकराया और चौथा विमान 10 बजकर 3 मिनट पर मैदान में क्रैश हो गया। इन चारों हादसों को मिलाकर कुल 2977 लोग मारे गए। इसमें 19 आतंकी और कुल 246 यात्री और चालक दल के लोग थे। चारों विमानों में सवार सभी लोगों और क्रू मेंबर की मौत हो गई। वर्ल्ड ट्रेड टावर की दोनों इमारतें गिर जाने से 2606 लोगों की जान गई।

किसने और क्यों किया था हमला?

लंबे समय से मुस्लिम देशों में संघर्ष चल रहा था और अमेरिका की भी इसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भूमिका थी। अल कायदा जैसे आतंकी संगठन इस संघर्ष के लिए सीधे तौर पर अमेरिका को जिम्मेदार मानते थे। उस समय अलकायदा का मुखिया ओसामा बिन लादेन था। अलकायदा के 19 आतंकियों ने पांच-पांच की तीन और चार सदस्यों की एक टीम के जरिए इन चारों विमानों को हाईजैक किया और उन्हीं ने इन हमलों को अंजाम दिया था।

इस हमले के बाद ही अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया और दशकों तक अमेरिका की सेना वहीं रही। हालांकि, इस हमले के 10 साल बाद अमेरिकी सेना के जवानों ने पाकिस्तान में घुसकर एबटाबाद के उसके घर में मार गिराया। हालांकि, न तो आतंकवाद खत्म हुआ और न ही ओसामा बिन लादेन का अलकायदा। 20 साल तक अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में रही और जैसे ही वह वापस गई वहां एक और आतंकी संगठन तालिबान ने सरकार पर ही कब्जा कर लिया।

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