फिनलैंड सरकार ने एक खास स्टडी 'रिपोर्ट ऑन द फ्यूचर' जारी किया है, जिसमें 2045 तक दुनिया की स्थिति की चार संभावित स्थितियां बताई गई हैं। यह 171 पेज की रिपोर्ट अगले दो दशकों के लिए दुनिया का अनुमान लगाती है और फिनलैंड के नेताओं को बेहतर फैसले लेने में मदद करेगी। यह अध्ययन 1993 से किया जा रहा है।
रिपोर्ट की सबसे सकारात्मक बात यह है कि इसमें कहा गया है कि 2045 में दुनिया में शांति और सहयोग होगा। देश, सरकारें और संगठन मिलकर काम करेंगे। पर्यावरण के अनुकूल अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया में फैलेगी। यूरोपीय संघ (EU) और मजबूत होगा, और तकनीक का इस्तेमाल मानवता के लिए फायदेमंद होगा।
यह भी पढ़ें: विदेश से चंदा लेने के लिए नियम क्या हैं? सोनम वांगचुक कैसे फंस गए
अमेरिका के बारे में कहा गया है कि वहां के राजनीतिक दल एकजुट होकर देश को बेहतर बनाएंगे वहीं चीन की सरकार अपनी सख्ती कम करेगी। रूस में लोकतंत्र वापस आएगा और संस्थाएं मजबूत होंगी व तकनीक के मामले में अमेजन और एनवीडिया जैसी बड़ी टेक कंपनियां दुनिया को प्रभावित करेंगी, लेकिन अगर इन्हें नियंत्रित नहीं किया गया, तो ये सरकारों और लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकती हैं।
चीन बनेगा आत्मनिर्भर
रिपोर्ट कहती है कि अगर सही कदम नहीं उठाए गए, तो देशों के बीच प्राकृतिक संसाधनों, तकनीक और प्रभाव के लिए टकराव बढ़ेगा। चीन आने वाले समय में तकनीक और उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। अमेरिका अपनी पुरानी ताकत खो सकता है और रूस के पास अपनी कोई बड़ी टेक कंपनी नहीं होगी। वहीं रिपोर्ट में EU के बारे में कहा गया है कि वह बाहरी खतरों से जूझेगा।
क्या है बुरी स्थिति?
सबसे बुरी स्थिति की बात करें तो इसमें कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन को रोका नहीं जा सकेगा, और तानाशाही बढ़ेगी। अमेरिका अपनी वैश्विक ताकत खोकर अंदरूनी समस्याओं में उलझ जाएगा। चीन आंतरिक संघर्षों की वजहसे कमजोर होगा। रूस के बारे में कहा गया कि वह पूरी तरह से फासीवादी बन सकता है। आतंकवाद और युद्ध दुनिया को और अस्थिर करेंगे।
यह भी पढ़ें: ट्रंप ने दवाओं पर लगाया 100% टैरिफ, भारत पर होगा बड़ा असर
अफ्रीका का उदय
रिपोर्ट में एक आशा की किरण भी है। अगर युद्ध और आतंकवाद से बचा जाए, तो अफ्रीका अगला आर्थिक सुपरपावर बन सकता है। हालांकि, रिपोर्ट यह चेतावनी देती है कि अगर बड़ी टेक कंपनियों को नियंत्रित नहीं किया गया, तो वे सरकारों और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं। साथ ही, संसाधनों और तकनीक के लिए वैश्विक गठबंधनों में टकराव बढ़ सकता है। यह रिपोर्ट दुनिया को बताती है कि अगले कुछ सालों में लिए गए फैसले 2045 की दुनिया को आकार देंगे।