ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री और सांसद ऋषि सुनक फिर से नौकरी करने लगे हैं। ऋषि सुनक ने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप में सलाहकार के रूप में नई जिम्मेदारी संभाली है। इस नियुक्ति के बाद कंपनी ने कहा है कि जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले ऋषि सुनक, वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर अपने नजरिये से बैंक के ग्राहकों को सलाह देने के लिए पार्ट टाइम जॉब करेंगे। इस नियुक्ति को ब्रिटेन की व्यावसायिक नियुक्तियों पर सलाहकार समिति ने कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है। लोग अब ऋषि सुनक से पूछ रहे हैं कि क्या वह अपने ससुर की बात मानेंगे और 70 घंटे काम करेंगे?
कंपनी ने यह घोषणा पिछले साल 4 जुलाई को आम चुनाव में हार के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद, जरूरी 12 महीने का समय बीत जाने के बाद की है। राजनीति में प्रवेश करने से पहले ऋषि सुनक ने अमेरिका स्थित निवेश बैंक में काम किया था। ऋषि सुनक इस नौकरी से मिलने वाले पैसे को 'रिचमंड प्रोजेक्ट' को देंगे। यह प्रोजेक्ट इस साल की शुरुआत में ऋषि सुनक ने अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ मिलकर शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट के जरिए बच्चों की शिक्षा में योगदान दिया जाएगा।
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सरकार से मिली मंजूरी
ऋषि सुनक की इस नियुक्ति को ब्रिटेन की व्यावसायिक नियुक्तियों पर सलाहकार समिति की मंजूरी मिल गई है। किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री और मंत्रियों को अपना पद छोड़ने के बाद कम से कम दो साल तक किसी भी पद को लेने से पहले इस समिति से मंजूरी लेनी होती है। इस समिति ने ऋषि सुनक को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दी है। इन शर्तों का उद्देश्य सरकार के लिए संभावित जोखिमों को कम करना है, जो ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री के रूप में मिली गुप्त जानकारी के कारण हो सकते थे। उन्होंने बताया कि ऋषि सुनक इस नौकरी से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल इंग्लैंड में बच्चों और युवाओं के बीच मैथ्स में सुधार लाने के लिए करेंगे।
इस हफ्ते जारी एक बयान में समिति ने ऋषि सुनक से कहा, 'गोल्डमैन सैक्स की ब्रिटेन सरकार की नीतियों में गहरी दिलचस्पी है। पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते, यह चिंता वाजिब है कि आपकी नियुक्ति को ब्रिटेन सरकार के भीतर अनुचित पहुंच और प्रभाव प्रदान करने वाली माना जा सकता है।आपने और गोल्डमैन सैक्स ने समिति के सामने यह बात मानी है कि इस भूमिका में सरकार के लिए लामबंदी शामिल नहीं होगी, जिसे सभी पूर्व मंत्रियों को पद छोड़ने के बाद दो सालों तक करने से रोका जाता है।' शर्तों में यह भी कहा गया कि ऋषि सुनक मंत्री पद पर रहते हुए मिली किसी भी विशेष जानकारी का उपयोग नहीं करेंगे।
पहले भी करते थे नौकरी
राजनीति में आने से पहले ऋषि सुनक ने बैंकिंग क्षेत्र में लगभग 14 सालों तक काम किया है। उन्होंने गोल्डमैन सैक्स में 2000 में इंटर्नशिप शुरू की थी और 2001 से 2004 तक बतौर एनालिस्ट काम किया था। इसके बाद उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय निवेश फर्म की स्थापना भी की। 2015 में पहली बार सांसद चुने जाने के बाद, उन्होंने कोविड महामारी के समय बतौर वित्त मंत्री काफी काम किया जो जनता को पसंद भी आया।
जुलाई 2022 में उनके इस्तीफे ने तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सरकार को संकट में डाल दिया था। इसके बाद अक्टूबर 2022 में वह प्रधानमंत्री बने और जुलाई 2024 तक पद पर रहे। आम चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद से सुनक ने कई भूमिकाएं अपनाई हैं। वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ब्लावाटनिक स्कूल ऑफ गवर्नमेंट और अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्थित हूवर इंस्टीट्यूशन से जुड़े। अब वह इस नई भूमिका में काम करेंगे।
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लोगों ने क्या कहा?
उनकी इस नियुक्ति को लेकर भारत में लोग अपनी राय रख रहे हैं। उनकी पत्नी भारत के बिजनेसमैन नारायण मूर्ति की बेटी हैं। नारायण मूर्ति ने एक बयान दिया था कि लोगों को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। अब जब ऋषि सुनक ने नई नौकरी शुरू कर दी है तो लोग उन पर मजेदार टिप्पणियां कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने लिखा, 'उन्हें इंफोसिस जॉइन कर लेना चाहिए था और 70 घंटे काम करना चाहिए था।' दूसरे यूजर ने पूछा, 'क्या वह हफ्ते में 70 घंटे काम करेगें?'