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44 की मौत, 279 लापता; हॉन्गकॉन्ग की 7 इमारतों में कैसे लग गई आग?

चीन की सीमा से सटे हॉन्गकॉन्ग के ताई पो इलाके में बुधवार दोपहर को आग लग गई। इस आग की चपेट में 7 ऊंची इमारतें आ गई हैं। अब तक 44 लोगों की मौत हो चुकी है।

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हॉन्गकॉन्ग की 7 इमारतों में आग लग गई है। (Photo Credit: PTI)

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हॉन्गकॉन्ग में ताई पो इलाके में एक रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में भंयकर आग लग गई। इस कॉम्प्लेक्स में 8 इमारते हैं, जिनमें से 7 में आग लग चुकी है। आग लगने की वजह से अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। आग अभी भी लगी हुई है और फायर फाइटर्स इसे बुझाने की कोशिश में जुटे हैं। इस बीच पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी इस घटना पर दुख जताया है।


ताई पो इलाके में बने इस रिहायशी परिसर में बुधवार दोपहर को आग लगी थी। परिसर में 8 ऊंची-ऊंची इमारते हैं। इनमें से 7 इमारतों में आग फैल चुकी है। सैकड़ों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है लेकिन अब भी बहुत से लोग और पालतू जानवर फंसे हुए हैं। रात होने पर इमारत की खिड़कियों से तेज लपटे और घना काला धुआं निकलता दिखाई दे रहा था।


आग लगने की इस घटना में अब तक 44 लोगों की मौत की खबर है। 29 लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, 279 लोग लापता हैं। इस घटना में मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।


जिस परिसर में आग लगी है, वहां 8 इमारतें हैं जिनमें लगभग 2 हजार फ्लैट हैं। यहां करीब 4,800 लोग रहते हैं जिनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग हैं। यह परिसर 1980 के दशक में बना था और हाल में इसे रेनोवेट किया गया था।

 

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कैसे लग गई इतनी बड़ी आग?

अधिकारियों ने बताया कि बुधवार दोपहर को आग लगनी शुरू हुई थी। सबसे पहले 32 मंजिला इमारत के बाहरी मचान पर आग लगी थी। धीरे-धीरे ये फैलती गई। तेज हवाएं चलने के कारण आग और तेजी से फैली और आसपास की इमारतों को भी अपनी चपेट में ले लिया।


अधिकारियों का कहना है कि इतनी भयानक आग का लगना असामान्य है। उन्होंने बताया कि इस बात की जांच की जा रही है कि इमारतों की बाहरी दीवारों पर जो लगा थी, वह आग रोकने में सक्षम था या नहीं, क्योंकि आग का इतनी तेजी से फैलना असामान्य है।

 

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मौके पर कैसे हैं हालात?

आग लगने की घटना के बाद आसपास सिर्फ और सिर्फ धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, इमारतों के पास फायर ब्रिगेड की 140 गाड़ियां और 60 से ज्यादा एंबुलेंस तैनात हैं।


फायर सर्विस डिपार्टमेंट ने बताया कि बुधवार रात तक 7 में से 3 इमारतों में लगी आग पर थोड़ा काबू पा लिया गया था। डिपार्टमेंट का कहना है कि आग लगने की वजह से तापमान बहुत बढ़ गया है और इस कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है।

 


फायर सर्विस ऑपरेशंस के डिप्टी डायरेक्टर डेरेक आर्मस्ट्रांग चैन ने बताया कि जिन इमारतों में आग लगी है, उनसे रह-रहकर मलबा नीचे गिर रहा है। उन्होंने बताया कि 'इमारतों के अंदर तापमान बहुत ज्यादा है। हमारा अंदर घुसना और ऊपरी मंजिलों पर जाकर आग बुझाना और रेस्क्यू ऑपरेशन करना मुश्किल हो रहा है।'

900 लोगों को शेल्टर में रखा गया


फायर चीफ ने बताया कि इमारत का हाल ही में रेनोवेशन हुआ था। इस कारण यहां अब भी बांस के मचान लगे हुए थे, जिस कारण आग और तेजी से फैलती चली गई।


उन्होंने बताया कि 900 लोगों को इमारतों से निकालकर शेल्टर में रखा गया है। अब भी बहुत से लोग इमारतों में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने की कोशिश की जा रही है। 

 

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3 लोग गिरफ्तार, क्या हैं आरोप?

इस बीच हॉन्गकॉन्ग पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। तीन में से दो लोग एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के डायरेक्टर हैं तो एक कंसल्टेंट है।


पुलिस ने इन लोगों पर 'बड़ी लापरवाही' का आरोप लगाया है। पुलिस ने बताया कि अपार्टमेंट से प्रोटेक्टिव नेट, कैनवस और प्लास्टिक कवर जैसी चीजें मिली हैं, जो सेफ्टी स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करती हैं।

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