धरती के बिल्कुल पास से एक धूमकेतु (Comet) गुजरने वाला था। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों और वैज्ञानिकों में अलग तरह का उत्साह था क्योंकि यह 20वीं सदी की बेहद खास खगोलीय घटनाओं में से एक होने वाली थी। अनोखी इस वजह से क्योंकि Hale-Bopp नाम का यह धूमकेतु 4 हजार साल में सूरज का एक चक्कर लगा पाता है और धरती के पास से गुजरना बेहद दुर्लभ घटनाओं में से एक था। मार्च 1997 में यह धरती के बिल्कुल पास से गुजरा। इसे अच्छे से देखा भी गया लेकिन इसका गुजरना अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए एक हैरान करने वाली घटना की वजह बना। एकसाथ एक ही घर में 39 लोग मरे हुए पाए गए। भले ही यह धूमकेतु धरती से न टकराया था और न ही धरती के इतना पास आया था कि कोई नुकसान कर सके लेकिन इन 39 लोगों की मौत से इसका कनेक्शन जरूर था।
इस सबकी शुरुआत साल 1972 में ही हो गई थी। मार्शल एपलवाइट नाम के एक म्यूजिक प्रोफेसर एकदम मौत को छूकर टक से वापस आ गए थे। तब उन्हें एक नर्स बोनी लु नेटल्स ने इस कथित कल्ट में शामिल करवाया था। 1975 में एपलवाइट और बोनी नटल्स ने ओरगोन के 20 लोगों को राजी किया कि वे अपने घर छोड़ दें और उनके साथ पूर्वी कोलोराडो चलें। इन लोगों ने उन्हें लालच दिया कि दूसरी दुनिया के एक स्पेसक्राफ्ट आएगा और इन लोगों 'स्वर्ग के साम्राज्य' में ले जाएगा। उन दिनों नेटल्स खुद को 'Ti' और एपलवाइट खुद को 'DO' कहता था।
इन दोनों ने लोगों को खूब बरगलाया। सिखाया-पढ़ाया कि शरीर को एक बर्तन जैसा है जिसे त्यागा जा सकता है। हालांकि, न तो कभी यह स्पेसक्राफ्ट आया और न ही ये लोग स्वर्ग में जा पाए। साल 1985 में नेटल्स की मौत हो गई और सभी 20 लोग इस प्रोग्राम से बाहर हो गए।
लोगों को हो गया था भरोसा
हालांकि, इतने सालों में एपलवाइट के सिर पर सवार भूत नहीं उतरा। साल 1990 में उसने अपना अभियान फिर शुरू किया और नए सिरे से लोगों को तलाशना शुरू किया। साल 1995 में जब धूमकेतु Hale-Bopp (हेल-बॉप) की चर्चा शुरू हुआ तो लोगों को एपलवाइट की बातों पर भरोसा होने लगा कि एक स्पेसक्राफ्ट आ तो रहा है। एपलवाइट ने लोगों को बता रखा था कि हेल-बॉप के ठीक पीछे एक स्पेसक्राफ्ट है जिसे लोग देख नहीं पा रहे हैं।
अक्तूबर 1996 में एपलवाइट ने रैंचो सैंटा फे में एक बड़ा सा घर किराए पर लिया। घर के मालिक को उसने बताया कि उसके ग्रुप में शामिल लोग ईसाई धर्म के पवित्र शख्सियतों में से हैं। वह यौन क्रियाओं से दूरी बनाने को कहता था इसलिए इस प्रोग्राम में आए कई लोगों ने नसबंदी भी करा ली थी। खुद एपलवाइट ने भी अपनी नसबंदी करा ली थी।
बिना चोट के निकल गई जान
मार्च 19972 में हेल-बॉप धरती के बिल्कुल पास से गुजरा लेकिन जैसा एपलवाइट ने कहा था, वैसा कुछ नहीं हुआ। कैलिफोर्निया से सैन डियाओ के बाहरी इलाके के रैंचो सैंटा फे के उस घर के बारे में पुलिस को सूचना मिली। पुलिस वहां पहुंची तो 21 महिलाओं और 18 पुरुषों की लाशें मिलीं। एक जैसे कपड़े और जूते पहने इन लोगों के शरीर पर चोट के निशान नहीं थे।
ऐसे में पुलिस को जांच करने में भी मशक्कत करनी पड़ी। जांच में ही खुलासा हुआ कि ये लोग एपलवाइट के 'हीवेन्स गेट' के सदस्य थे। जांच में पता चला कि इन लोगों ने वोडका में फीनोबार्बिटल मिलाकर पी लिया था जो कि जान लेने के लिए काफी था। इन लोगों को कहा गया था कि इसके बाद इन्हें स्पेसक्राफ्ट स्वर्ग लेकर जाएगा। अब ये लोग उस कथित स्वर्ग में जा पाए या नहीं, यह राज भी उन्हीं के साथ हमेशा-हमेशा के लिए चला गया।