अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस, खासकर ओवल ऑफिस की पांरपरिक कूटनीतिक बैठकों के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है। जहां पहले ये मुलाकातें शांत, औपचारिक और निजी तौर पर होती थीं, वहीं ट्रंप ने इन्हें एक तरह के रियलिटी शो जैसा बना दिया। उन्होंने बंद दरवाजों के पीछे की इस पारंपरिक गोपनियता को तोड़ते हुए, अपनी खुली और कभी-कभी आक्रामक स्टाइल को सार्वजनिक रूप से सबके सामने पेश किया। उनकी यह खासियत न सिर्फ राजनीतिक चर्चा का तरीका बदलती है, बल्कि इससे संवाद का माहौल भी पूरी तरह अलग हो जाता है। इस तरह, ट्रंप ने ओवल ऑफिस की कूटनीति को पारंपरिक सीमा से बाहर निकालकर, एक नए और अनोखे अंदाज में पेश किया है।

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बंद दरवाजों की मीटिंग बन गई ऑन कैमरा शो
पहले ओवल ऑफिस में होने वाली बातचीत गोपनीय होती थी। विश्वे नेताओं के साथ चर्चा के बाद संयुक्त बयान या प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सीमित जानकारी शेयर की जाती थी लेकिन ट्रंप का स्टाइल बहुत अलग है। वह इन मुलाकातों को मीडिया के सामने पेश करते हैं।
उदाहरण के लिए, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ उनकी तीखी बातचीत को उन्होंने सोशल मीडिया और प्रेस के जरिए प्रचारिक किया। वीडियो जैसे रामाफोसा के साथ 'किल द बोअर' वीडियो और तस्वीरों का उपयोग कर वह इन मुलाकातों को वायरल बनाते हैं। अन्य उदाहरण की बात की जाए तो फरवरी 2025 में जेलेंस्की के साथ बहस को ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से 'मूर्ख राष्ट्रपति' कहकर उछाला, जो पहले बंद कमरे तक सीमित रहता था।

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खुलेआम प्रोटोकॉल की अनदेखी
पहले की बात करें तो ओवल ऑफिस में कूटनीति औपचारिक और फॉर्मल होती थी। नेताओं के बीच असहमति को भी सभ्य भाषा में व्यक्त किया जाता था। अब ट्रंप की स्टाइल की बात करें तो वह व्यक्तिगत हमले और आक्रामक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। जेलेंस्की को 'मूर्ख' कहना या रामाफोसा के सामने दक्षिण अफ्रीका में नरसंहार जैसे दावे करना इसकी मिसाल है, जो दो देशों के बीच टकराव को बढ़ावा देता है। ट्रंप एक सम्मानजनक संवाद की जगह खुले तमाशे को प्राथमिकता देते है, जो वैश्विक नेताओं के बीच तनाव बढ़ाता है।

मीडिया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल
पहले ओवल ऑफिस की मुलाकातों की जानकारी केवल आधिकारिक चैनलों के जरिए सामने आती था और वह भी सावधानीपूर्वक। हालांकि, ट्रंप अपनी बातचीत को तुरंत सोशल मीडिया जैसे ट्रूथ और एक्स पर ले जाते हैं।
वह मुलाकातों के चुनिंदा हिस्सों को शेयर करते हैं, जो उनके समर्थकों को आकर्षित करते हैं। उदाहरण के लिए, रामाफोसा के साथ मुलाकात में वीडियो चलाने का जिक्र और जेलेंस्की पर किए कए ट्वीट्स से वैश्विक सुर्खियां बंटोरी। 21 मई को रामाफोसा के साथ मुलाकात में ट्रंप ने श्वेत किसानों के मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, जिसे बाद में एक्स उनके समर्थकों ने खूब प्रचारित किया।
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जानबूझकर उठाते विवादास्पद मुद्दे
ओवल ऑफिस में मुलाकातें पॉलिसी और लॉन्ग टर्म रिलेशनशीप पर फोकस होती थी। अब ट्रंप इन मुलाकातों को अपने राजनीतिक एजेंडे को मजबूत करने का मंच बनाते हैं। वह विवादास्पद मुद्दों को उठाकर अपने समर्थक, खासकर श्वेत और रूढ़िवादी मतदाताओं, को लुभाते हैं। जेलेंस्की के साथ टकराव में रूस के प्रति उनकी नरमी और यूक्रेन पर दबाव उनकी 'अमेरिका फर्स्ट' नीति का हिस्सा था, जिसे उन्होंने सार्वजनिक रूप से उभारा।

विश्व नेताओं के साथ व्यक्तिगत टकराव
ओवल ऑफिस में नेताओं के बीच मतभेद को सुलझाने की कोशिश होती थी लेकिन ट्रंप नेताओं को सीधे निशाना बनाते हैं। जेलेंस्की को अपमानित करना और रामाफोसा के सामने उनकी सरकार की नीतियों को 'नरसंहार' से जोड़ना इसकी मिसाल है।