दुनिया खिलाफ, किम जोंग ने कैसे संभाली उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था?
दुनिया
• PYONGYANG 08 Sept 2025, (अपडेटेड 08 Sept 2025, 7:00 AM IST)
उत्तर कोरिया। 120,538 वर्ग किलो मीटर में फैला एक छोटा सा देश। परमाणु गतिविधियों की वजह से दुनियाभर के कई दिग्गज देशों ने इस देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। फिर भी यह देश फल-फूल रहा है। आखिर कैसे, समझिए।

नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन। (Photo Credit: North Korea Media)
पूर्वी एशिया में फैले, वृहद कोरियाई प्रायद्वीप का उत्तरी हिस्सा, जिसे दुनिया उत्तर कोरिया के नाम से जानती है। जितने इस देश पर प्रतिबंध लगे हैं, शायद ही किसी देश पर लगे हों। बड़े-बड़े देश इस देश के साथ सीथे कोरिया की खाड़ी और जापान सागर के बीच बचा यह देश, अमेरिका और दक्षिण कोरिया की आंखों की किरकिरी है। डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया इस देश का आधिकारिक नाम है। यहां एक दलीय कम्युनिस्ट शासन है। कॉमरेड किम इल सुंग और किम जोंग इल ने साल 1949 में वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (WPK) की शुरुआत की थी। अब इस पार्टी के महासचिव किम जोंग उन हैं।
उत्तर कोरिया की सरकार में अभी दूसरे नंबर की भूमिका चोए रंयोंग हे के पास है। 15 अगस्त 1945 को यह देश जापान से आजाद हुआ था, अब जापान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। किम जोंग, अक्सर बैलिस्टिक मिसाइलों को लॉन्च करते हैं, जापान सागर के पास उन्हें दागते हैं। परमाणु कार्यक्रमों की वजह से यह देश, दुनिया के निशाने पर रहता है, यहां से सीधे व्यापार से रूस और चीन जैसे देश भी कतराते हैं।
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन की शंघाई सहयोग संगठन के दौरान मुलाकात चर्चा में रही। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी किम जोंग संबंधों को दुरुस्त कर रहे हैं। तमाम कवायदों के बाद भी ये देश भी उत्तर कोरिया के साथ व्यापार करने से कतराते हैं। चीन, उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा पार्टनर है। 90 फीसदी व्यापार चीन यहीं से करता है। दूसरे देशों के साथ कभी तस्करी, कभी अप्रत्यक्ष तौर पर व्यापार होता है। आइए जानते हैं कि किन संस्थाओं और देशों ने उत्तर कोरिया के व्यापार पर प्रतिबंध लगाया है-
उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों की लिस्ट
- संयुक्त राष्ट्र
वजह: परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण।
प्रतिबंध: हथियार, कोयला, तेल, कपड़ा व्यापार पर रोक, कारोबार और लेबर एक्सपोर्ट पर पाबंदी। - अमेरिका
वजह: परमाणु कार्यक्रम, मिसाइल परीक्षण, मानवाधिकार उल्लंघन।
प्रतिबंध: व्यापार, वित्तीय लेनदेन, तकनीकी उपकरणों पर रोक; नागरिकों की यात्रा पर प्रतिबंध। - यूरोपीय संघ
वजह: परमाणु और मिसाइल गतिविधियां
प्रतिबंध: हथियार, लग्जरी आइटम पर रोक, वित्तीय प्रतिबंध। - दक्षिण कोरिया
वजह: सैन्य हमले, परमाणु खतरा।
प्रतिबंध: व्यापार, आर्थिक सहायता पर रोक; प्रवेश पर सख्ती। - जापान
वजह: मिसाइल परीक्षण, क्षेत्रीय सुरक्षा पर खतरा।
प्रतिबंध: सभी व्यापार, जहाजों और नागरिकों के प्रवेश पर रोक। - चीन
वजह: UNSC की ओर से पड़ रहा दबाव, परमाणु गतिविधियां
प्रतिबंध: कोयला, तेल व्यापार, श्रमिकों पर सीमित रोक। - रूस
वजह: UNSC प्रस्तावों का पालन।
प्रतिबंध: व्यापार, वित्तीय लेनदेन, श्रमिकों पर आंशिक रोक। - ऑस्ट्रेलिया और कनाडा
वजह: परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम।
प्रतिबंध: व्यापार, वित्तीय लेनदेन, श्रमिकों पर रोक
इतने प्रतिबंध फिर कैसे चलती है उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था?
वैश्विक प्रतिबंधों के बाद भी उत्तर कोरिया में सरकार के खिलाफ आक्रोश नहीं है। लोग किम जोंग उन को अपना नेता मानते हैं, उनकी एक झलक के लिए बेताब रहते हैं। उन्हें उत्तर कोरिया के लोग हीरो के तौर पर देखते हैं। पूरी दुनिया उत्तर कोरिया के खिलाफ है लेकिन वह तमाम धमकियों से बिना डरे न तो अपने परमाणु कार्यक्रम चलाते हैं, आए दिन नए मिसाइलों के सपल प्रक्षेपण का ऐलान करते हैं।

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उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था पर एक नजर
- मौजूदा हाल: उत्तर कोरिया केंद्रीय अर्थव्यवस्था वाला अपनी तरह का इकलौता देश है। यह देश आर्थिक संकटों का सामना कर रहा है। कभी कोविड ने कमर तोड़ी, कभी फसलें खराब मौसम की भेंट चढ़ीं। दुनियाभर के तमाम आर्थिक प्रतिबंधों ने इस देश को कभी सामान्य नहीं होने दिया। मीडिया पर इतने प्रतिबंध हैं कि वहां की असली स्थिति कभी सामने ही नहीं आ पाती।
- अवसर: एक तरफ जब पूरी दुनिया अपने यहां 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को आसान कर रही है, उत्तर कोरिया के साथ कोई व्यापार करने के लिए तैयार नहीं है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का मतलब व्यापार करने लायक यह देश खनिज संपन्न से भरा कृषि प्रधान देश है। उद्योगों की असीमित संभावनाएं हैं। इस देश के पास भी वही खनिज संपदा और संसाधन है, जो दक्षिण कोरिया के पास हैं, फिर भी किम जोंग, उदार अर्थव्यवस्था में भरोसा नहीं रखते हैं।
- अर्थव्यवस्था: उत्तर कोरिया का आर्थिक विकास स्थिर है, व्यापार घाटा बढ़ता जा रहा है। चीन पर इस देश की व्यापारिक निर्भरता सबसे ज्यादा है। यहां की सरकार, पारदर्शी सरकार नहीं है, विपक्ष नहीं है कि अर्थव्यवस्था की बारीकियां बाहर आ सके। साल 2023 तक, उत्तर कोरिया का सकल घरेलू आय, क्रय शक्ति के हिसाब से करीब 15.416 अरब डॉलर था। वैश्विक अर्थव्यवस्था में यह देश 158वें स्थान पर है। उत्तर कोरिया में प्रति व्यक्ति जीडीपी मात्र 600 डॉलर है।
- संपदा: उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा सैन्य उत्पाद, मशीन निर्माण, कोयला, लौह अयस्क और तांबा जैसी धातुओं के खनन से आता है। यहां का कपड़ा उद्योग, मशहूर है। उत्तर कोरिया की ज्यादातर आबादी कृषक है। यहां अच्छी खेती होती है। मक्का, चावल, सेब और आलू यहां की मुख्य फसल है। यहां श्रम शक्ति मजबूत है।
- ताकत: उत्तर कोरिया की कुल आबादी करीब 2,62,98,666 है। यहां पुरुषों की संख्या 1,28,28,269 है, वहीं 1,34,70,397 महिलाएं हैं। हर 54 महिलाओं पर 56 पुरुष हैं। उत्तर कोरिया की 2 करोड़ 62 लाख आबादी का एक बड़ा हिस्सा दूसरे देशों में मजदूरी करता है। यहां करीब 176.37 लोग श्रमिक हैं। उत्तर कोरिया में हर उम्र के लोग काम करते हैं। यहां की बेरोजगारी दर सिर्फ 2.9 प्रतिशत है, जो यहां की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है। श्रम शक्ति से उत्तर कोरिया की अच्छी कमाई होती है।
किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। - कारोबार: उत्तर कोरिया, अपने मित्र देशों में नकली बाल, लौह मिश्रित धातु और टंगस्टन अयस्कों को बेचता है। इन वस्तुओं का 74 फीसदी हिस्सा, चीन ही खरीद लेता है। उत्तर कोरिया सोयाबीन तेल और प्लास्टिक उत्पाद खरीदता है। उत्तर कोरिया की 97 फीसदी आयात चीन के साथ होता है।
- ईंधन: सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) की एक रिपोर्ट बताती है कि उत्तर कोरिया की करीब 54.7 फीसदी आबादी के पास बिजली है। यहां के बिजली संयंत्रों की कुल उत्पादन क्षमता 8.357 मिलियन किलोवाट है, जिसका 62.5% हिस्सा जलविद्युत और 36.9% जीवाश्म ईंधन से आता है। कोयला उत्पादन 21.928 मिलियन मीट्रिक टन और खपत 22.105 मिलियन मीट्रिक टन के आस पास है।
- रक्षा कारोबार: उत्तर कोरिया में सक्रिय सैनिकों की संख्या 13 लाख से ज्यादा है। यहां की सेना के पास सोवियत संघ के जमाने के हथियार हैं। चीन भी इस देश को हथियार बेचता है। वैश्विक प्रतिबंधों के बाद भी यह देश परमाणु अनुसंधान कर रहा है। मिसाइल बनाता है। रूस ने मदद भी दी है। कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यहां 76 लाख रिजर्व सैनिक हैं। कोई देश सीधे तौर पर उत्तर कोरिया से हथियार नहीं खरीदता लेकिन चोरी-छिपे बड़ी मात्रा में हथियारों की सौदेबाजी होती है।

रूस के लिए यूक्रेन से भिड़ रही किम जोंग की सेना
रूस और यूक्रेन की जंग में, उत्तर कोरिया, रूस के साथ खड़ा है। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है उत्तर कोरिया ने रूस को करीब 200 लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपें दीं हैं। उत्तर कोरिया ने रूस को मिसाइलें भी दीं हैं। 11,000 से ज्यादा सैनिक, यूक्रेन के खिलाफ रूस की तरफ से जंग लड़ रहे हैं। किम जोंग और व्लादिमीर पुतिन के बीच दोस्ताना संबंध हैं। जरूरत पड़ने पर वह और सैनिक भी भेज सकते हैं। उन्होंने हाल ही में यूक्रेन से लौटे सैनिको को सम्मानित भी किया था।
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बदले में उत्तर कोरिया को क्या मिलेगा?
उत्तर कोरिया, बिना रूस की मदद के परमाणु बम नहीं बना पाता। दुनिया में अमेरिका, चीन, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान, भारत और इजरायल के बाद उत्तर कोरिया ही वह देश है, जिसके पास परमाणु बम है। दक्षिण कोरिया का दावा है कि रूस, उत्तर कोरिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली स्वचलित पनडुब्बियों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल दे सकता है। रूस तकनीक भी साझा करता है।
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