पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच बनती नहीं है। जेल में बंद इमरान खान ने असीम मुनीर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इमरान खान का आरोप है कि असीम मुनीर अघोषित मार्शल लॉ लागू करने की खातिर पाकिस्तान के लोगों पर अत्याचार करने में जुटे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सेना प्रमुख ने जनादेश में धांधली करके शहबाज शरीफ की अगुवाई में कठपुतली सरकार का गठन किया है।
इमरान खान ने एक्स पर लिखा, 'आज असीम मुनीर अपने शासन को बढ़ाने की खातिर पाकिस्तान के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। इससे देश कमजोर हो रहा है। जिन लोगों (मुनीर और उनके साथियों) ने जनादेश चुराया है। वह डर से ग्रस्त हैं। इसी डर के कारण हमारे खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है।
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'जेल में पत्नी को प्रताड़ित किया जा रहा'
इमरान खान का आरोप है कि उनकी पत्नी को जेल में एकदम एकांत में रखा गया है। उनको मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। सिर्फ इस वजह से कि मैं टूट जाऊं और अपनी विचारधारा को छोड़ दूं। मुझे तोड़ने की कोशिश का असली मकसद लोगों की आवाज को दबाना है। बता दें कि इमरान खान पिछले दो साल से भी अधिक समय से जेल में बंद हैं।
अब आवाज सुनने का समय आ गया: इमरान खान
अपने संबोधन में इमरान खान ने बांग्लादेश की आजादी का जिक्र किया और कहा कि 1971 में जनरल याह्या खान ने भी यही तरीका अपनाया था, जो आज असीम मुनीर अपना रहा है। उन्होंने आगे कहा कि 1971 और आज के बीच बस इतना ही फर्क है कि अब लोग ज्यादा जागरूक हैं। सोशल मीडिया ने सभी तथ्यों को जनता के सामने रख दिया है। लोगों ने भी अत्याचार के खिलाफ लड़ना सीख लिया है। अब दमनकारी व्यवस्था खत्म हो जाएगी। लोगों की आवाज सुनने का समय आ गया है।
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बलूचिस्तान के लोग छुटकारा पाने के हकदार
अताउल्लाह मेंगल की पुण्यतिथि के मौके पर बलूचिस्तान में एक रैली आयोजित की गई थी। इसमें हुए बम धमाके में 15 लोग मारे गए। अब इमरान खान ने इस धमाके की निंदा की और कहा कि मैं अख्तर मेंगल के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। बलूचिस्तान में रोजाना स्थिति बिगड़ती जा रही है, क्योंकि यहां चुने हुए लोगों को शासन करने की इजाजत नहीं है। इमरान खान ने बलूचिस्तान में अपनी पार्टी को महमूद अचकजई के हड़ताल को समर्थन देने का निर्देश दिया है और कहा कि बलूचिस्तान के लोग आतंकवाद और उन पर थोपी गई व्यवस्था से छुटकारा पाने के हकदार हैं।