अमेरिका में एक भारतीय मूल के डॉक्टर को घर में नजरबंद कर दिया गया है। उस पर यौन शोषण का आरोप है। आरोपी डॉक्टर की पहचान रितेश कालरा के तौर पर हुई है। वह न्यू जर्सी का रहने वाला है। अदालत के आदेश पर रितेश को नजरबंद किया गया है। कई महिलाओं ने उस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। एफबीआई का आरोप है कि कालरा ने महिला मरीजों का इस्तेमाल अपनी यौन संतुष्टि की खातिर किया। उस पर इलाज के बदले शारीरिक संबंध बनाने का आरोप है।
51 वर्षीय डॉक्टर रितेश कालरा फेयर लॉन क्लीनिक चलाते हैं। उन पर दवाओं के अवैध वितरण के तीन और स्वास्थ्य सेवा धोखाधड़ी के दो मामले भी हैं। अगर रितेश कालरा को दोषी पाया गया तो मेडिकल धोखाधड़ी मामले में 10 साल और अवैध दवाओं के वितरण केस में 20 साल की सजा हो सकती है।
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मेडिकल लाइसेंस का किया गलत इस्तेमाल
अभियोजकों का आरोप है कि रितेश कालरा ने अपने मेडिकल लाइसेंस का दुरुपयोग किया। उसने इसका इस्तेमाल नशे की लत से परेशन मरीजों को अपना शिकार बनाने में किया। 2019 से 2025 तक रितेश ने 31,000 से अधिक ऑक्सीकोडोन की दवाएं लिखीं और इनका गलत तरीके से वितरण किया।
वकील अलीना हब्बा का कहना है, 'डॉ. रितेश कालरा ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके यौन शोषण और नशे को बढ़ावा दिया। यौन संबंध के बदले उन्होंने दवाइयां लिखीं और फर्जी बिल के माध्यम से कानून का भी उल्लंघन किया।'
क्लीनिक बंद करने का आदेश
कई महिला मरीजों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर रितेश कालरा ने ओपिओइड दवा के बदले यौन संबंध बनाने का दबाव बनाया। एक अन्य महिला मरीज ने यौन शोषण का भी आरोप लगाया। अमेरिकी की संघीय अदालत ने 100000 डॉलर के असुरक्षित मुचलके पर रितेश कालरा को घर पर ही नजरबंद कर दिया है। अदालत ने कानूनी कार्रवाई जारी रहने तक क्लीनिक और मरीजों को देखने पर रोक लगा दी है।
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यौन संतुष्टि के लिए मरीजों का इस्तेमाल
डॉ. रितेश कालरा पर न्यू जर्सी मेडिकेड के साथ धोखाधड़ी करने का भी आरोप है। फर्जी मरीजों के नाम पर बिल भी बनाए। एफबीआई के विशेष एजेंट प्रभारी स्टेफनी रॉडी का कहना है कि डॉ. रितेश कालरा ने अपनी यौन संतुष्टि के लिए मरीजों का इस्तेमाल किया।