भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति दुनिया से छिपी नहीं है। पाकिस्तान अपने देश को चलाने के लिए कई बार अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से लोन ले चुका है। पहले ही कर्ज में डूबे पाकिस्तान को एक बार फिर से लोन मिल गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को करीब 1.2 अरब डॉलर का लोन दे दिया है। भारतीय रुपयों में बात करें तो यह राशि करीब 10 हजार करोड़ रुपये होती है। पाकिस्तान के लिए यह आर्थिक मदद ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान भयंकर बाढ़, बढती मंहगाई और आर्थिक अस्थिरता की मार झेल रहा है। पाकिस्तान के लिए यह राशि बहुत बड़ी राहत लेकर आई है।
आईएमएफ ने एक आधिकारिक प्रेस रिलीज जारी कर इस बात की जानकारी दी। आईएमएफ ने बताया, 'आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान को ईएफएफ के तहत करीब 1 अरब डॉलर और आरएसएफ के तहत करीब 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर को मंजूरी दी है।' पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने भी इस बात की पुष्टि की और लिखा, 'आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड ने सोमवार को वाशिंगटन (अमेरिका) में आयोजित बैठक में दोहरे ‘ट्रैक बेलआउट’, 37 महीने की विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) और जलवायु-केंद्रित टिकाऊ स्थिरता सुविधा (आरएसएफ) के तहत यह मंजूरी दी।'
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पाकिस्तान को क्यों मिली मदद?
नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान वर्तमान में आईएमएफ के 24वें कार्यक्रम का हिस्सा है। आईएमएफ की तरफ से कहा गया है कि हाल में विनाशकारी बाढ़ के बावजूद पाकिस्तान ने मजबूती से कार्यक्रम को लागू किया है। आईएमएफ के डिप्टी डायरेक्टर और वर्किंग हेड निगेल क्लार्क ने बयान में कहा, 'अनिश्चित वैश्विक माहौल को देखते हुए, पाकिस्तान को आर्थिक स्थिरता को और मजबूत करने के लिए नीतियों को बनाए रखने की जरूरत है। साथ ही मजबूत, प्राइवेट सेक्टर के नेतृत्व वाली टिकाऊ बढ़ोतरी हासिल करने के लिए जरूरी सुधारों में तेजी लाने की जरूरत है।
पाकिस्तान को पिछले साल 39 महीनों में सात अरब डॉलर की सहायता देने पर सहमति बनी थी। डॉन ने कहा है कि हाल में मिली मंजूरी के तहत पाकिस्तान को ईएफएफ के तहत एक अरब डॉलर और आरएसएफ के तहत 20 करोड़ डॉलर की सहायता राशि निकालने की अनुमति है।
क्या बोले पाकिस्तानी अधिकारी?
द डॉन की खबर के अनुसार, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के अधिकारियों ने इस लोन को पाकिस्तान के सुधार प्रयासों और बड़े स्तर पर आर्थिक प्रबंधन में विश्वास का प्रतीक बताया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया रि असली परीक्षा इन शर्तों को मजबूत आर्थिक सुधार में बदलने की होगी। बता दें कि आईएमएफ ने पाकिस्तान के कमजोर वित्तीय प्रबंधन, नकदी निगरानी एवं सार्वजनिक संसाधन के बंटवारे के विए जवाबदेही पर पिछले महीने ही असंतोष जताया था। आईएमएफ ने पाकिस्तान को सलाह दी थी कि वह करदाताओं के पैसे को व्यक्तिगत और राजनीतिक दुरुपयोग के लिए इस्तेमाल ना करे।
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माननी होंगी शर्तें
आईएमएफ की तरफ से ईएफएफ और आरएफएफ दोनों व्यवस्थाओं के तहत मिला फंड कोई दान नहीं है। यह लोन है और हर देश से आईएमएफ ब्याज लेता है। हालांकि, ब्याज की दर अलग-अलग हो सकती है। इसके साथ ही आईएमएफ कड़ाई से अपनी शर्तों को लागू भी करवाता है। आईएमएफ कार्यक्रम की शर्तों के तहत पाकिस्तान करीब दो दशकों बाद पहली बड़ी निजीकरण प्रक्रिया पर भी काम कर रहा है।
पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस में बड़े हिस्से की नीलामी 23 दिसंबर को आयोजित की जाएही। इस बिक्री के लिए चार ग्रुप शॉर्टलिस्ट भी कर लिए गए हैं। पाकिस्तान ने आईएमएफ को गारंटी दी है कि वह राजस्व बढ़ाना और सख्त मौद्रिक नीति बनाए रखना और सरकारी कंपनियों के निजीकरण को आगे बढ़ाना और हालिया बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए मजबूत कदम उठाएगा।