ईरान में एक शख्स माजिद मोसायेबी को इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में फांसी दे दी गई। उस पर आरोप था कि वह इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद को कुछ बेहद जरूरी और गोपनीय जानकारी देने की कोशिश कर रहा था। खबर एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ईरान की अदालत ने उसकी फांसी की सजा को मंजूरी दी और पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद उसे फांसी दे दी गई। यह फांसी ऐसे समय में दी गई है जब 13 जून से इजरायल और ईरान के बीच टकराव काफी बढ़ गया है। इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे ताकि तेहरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके। इसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल के सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागीं। यानी दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और इसी दौरान ईरान ने माजिद मोसायेबी को फांसी दी है।
इससे पहले भी एक महिला एजेंट का नाम सामने आया था जिसे ईरान में अब लेडी किलर के नाम से जानने लगे हैं। एजेंट का नाम है कैथरीन पेरेज शेकेड जो इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की एक महिला एजेंट है, जिसने ईरान की राजधानी तेहरान में रहकर गुप्त जानकारी जुटाई। पिछले कुछ ही दिनों में, इजरायल ने ईरान के नौ बड़े सैन्य अफसरों को निशाना बनाकर मार गिराया। हैरानी की बात यह है कि हर बार इजरायली हमले ठीक उसी इमारत पर हुए जहां वह अधिकारी मौजूद थे। यही बात ईरानी एजेंसियों को शक में डालने लगी। जब ईरान की खुफिया एजेंसियों ने हमलों की कड़ियां जोड़ीं, तो उन्हें एक नाम बार-बार दिखाई दिया– कैथरीन।
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कौन है यह कैथरीन?
ईरान की खुफिया एजेंसी VAJA के मुताबिक, कैथरीन एक फ्रांसीसी नागरिक है जिसे मोसाद ने खासतौर पर ट्रेनिंग दी थी। ट्रेनिंग के बाद वह तेहरान पहुंची और वहां शिया इस्लाम में दिलचस्पी दिखाने लगी। उसने धर्म परिवर्तन भी कर लिया और धीरे-धीरे ईरानी सैन्य अफसरों की पत्नियों से दोस्ती करने लगी। वह उनके घरों में जाती, उनके साथ वक्त बिताती, और इसी बहाने धीरे-धीरे गुप्त जानकारियां हासिल करती रही– जैसे अफसर कब, कहां और किस बिल्डिंग में होंगे। फिर वह सारी जानकारी चुपचाप मोसाद तक पहुंचाती रही। मोसाद वही जानकारियां इजरायली वायुसेना को देती और फिर होते घातक हमले। अभी तक कैथरीन को ईरानी एजेंसियां पकड़ नहीं पाई हैं लेकिन पूरे ईरान में अब वह एक रहस्यमयी और खतरनाक जासूस बन चुकी है, जिससे देश की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं।
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ट्रम्प ने ईरान पर किया हमला– तनाव और बढ़ा
जैसे-जैसे इजरायल और ईरान के बीच लड़ाई तेज होती गई, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स पर शक जताया और ईरान को चेतावनी दी कि वह इजरायल से टकराव से पीछे हटे। रविवार को, अमेरिका की सेना भी अब इस टकराव में खुलकर शामिल हो गई। अमेरिकी फौज ने ईरान के तीन बड़े न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला कर दिया – नतांज, फोर्डो और इस्फहान।
नतांज– ये प्लांट तेहरान से करीब 220 किलोमीटर दूर है।
फोर्डो– ये तेहरान से करीब 100 किलोमीटर दूर, दक्षिण-पश्चिम में है।
इस्फहान– ये न्यूक्लियर सुविधा भी तेहरान के दक्षिण-पूर्व में है।
इन हमलों के बाद ट्रम्प ने साफ-साफ कहा, 'अब ईरान के पास दो रास्ते हैं या तो शांति या फिर बर्बादी।' वहीं, ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने कहा कि अमेरिका ने ईरान पर हमला कर बहुत बड़ी गलती की है और अब ईरान को अपना बचाव करने का पूरा हक है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की धज्जियां उड़ा दी हैं। अराघची ने हमलों को 'घिनौना' बताया और चेतावनी दी कि इसके नतीजे बहुत खतरनाक हो सकते हैं।