ईरान से जुड़े हैकरों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी धमकी दी है। 'रॉबर्ट' नाम के हैकर्स समूह का दावा है कि उनके पास ट्रंप के सहयोगियों के ईमेल का लगभग 100 जीबी डेटा है। रॉबर्ट का दावा है कि उसने व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ सूजी विल्स, पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स, डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार रोजर स्टोन और उनकी वकील लिंडसे हॉलिगन के ईमेल का डाटा हासिल किया है। हैकर समूह ने इस डेटा को लीक करने की धमकी दी है।
पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी ईरान के इसी समूह ने डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान को हैक किया था। तब अमेरिका के न्याय विभाग ने आरोप लगाया था कि रॉबर्ट हैकिंग की देखरेख ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने की थी। हैकर्स ने दावा किया है कि ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद डेटा लीक करने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन इजरायल-ईरान संघर्ष में ट्रंप के दखल के बाद निर्णय को बदलना पड़ा।
अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी ने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह तथाकथित साइबर हमला डिजिटल प्रचार से अधिक कुछ नहीं है। बयान में आगे कहा गया कि एक शत्रुतापूर्ण विदेशी विरोधी कथित रूप से चुराई गई और असत्यापित सामग्री को जारी करने की धमकी दे रहा है, ताकि ध्यान भटकाया जा सके, बदनाम किया जा सके और लोगों को बांटा जा सके। यह कथित साइबर अटैक डिजिटल प्रचार के अलावा कुछ नहीं है। इसका मकसद राष्ट्रपति ट्रंप को नुकसान पहुंचाना और देश की सेवा करने वाले लोक सेवकों को बदनाम करना है। एजेंसी ने साफ कहा है कि किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। इन अपराधियों को पकड़ा जाएगा और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा।
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स्टॉर्मी डेनियल्स के भी ईमेल
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में हैकर्स समूह ने दावा किया कि उनके पास डोनाल्ड ट्रंप की वकील लिंडसे हॉलिगन और स्टॉर्मी डेनियल्स के ईमेल हैं। बता दें कि स्टॉर्मी डेनियल्स अमेरिका की दिग्गज पोर्न स्टार हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के साथ शारीरिक संबंध के बदले 130,000 डॉलर मिलने का दावा किया था। दोनों के बीच यह समझौता गोपनीय तरीके से हुआ था। उधर, अमेरिका और ईरान के बीच अभी रिश्ते ठीक नहीं है। इस बीच ईरानी हैकर्स समूह की धमकी तनाव को और बढ़ा सकती है। एफबीआई निदेशक काश पटेल का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के उल्लंघन से जुड़े हर शख्स की जांच की जाएगी और कानून की आखिरी सीमा तक उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा।
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यूरेनियम संवर्धन शुरू कर सकता है ईरान
22 जून की तड़के अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु संयंत्रों पर हमला किया था। जवाब में अगले दिन ईरान ने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर मिसाइल दागी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि अमेरिकी हमले में ईरान की परमाणु सुविधाएं पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं। वहीं अमेरिका खुफिया विभाग की लीक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी हमले में परमाणु संयंत्रों को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का दावा है कि हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नुकसान नहीं पहुंचा है। वह कुछ महीनों में दोबारा यूरेनियम का संवर्धन कर सकता है।