• TEL AVIV 30 May 2025, (अपडेटेड 30 May 2025, 7:44 AM IST)
गाजा में सीजफायर के लिए अमेरिका के प्रस्ताव को इजरायल ने मान लिया है। यह सीजफायर 60 दिनों का होगा। हालांकि, हमास ने तीन शर्तें भी रखी हैं।
इजरायली बमबारी में तबाह गाजा। (Photo Credit: X@UNRWA)
गाजा में चल रही लड़ाई कुछ दिन के लिए टल सकती है। इजरायल ने हमास के साथ सीजफायर पर अमेरिका के प्रस्ताव को मान लिया है। यह 60 दिनों का सीजफायर होगा। इजरायल के अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी। हालांकि, इसमें जंग को स्थायी रूप से खत्म करने की बात नहीं है।
एक इजरायली अधिकारी ने CNN को बताया कि सीजफायर पर अमेरिकी प्रस्ताव को मान लिया है। सीजफायर डील के तहत, हमास बंधकों की रिहाई करेगा। सीजफायर का यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के तरफ से दिया गया था।
हालांकि, हमास का कहना है कि इस प्रस्ताव में उनकी मांगों को शामिल नहीं किया गया है, फिर भी वह इस पर विचार कर रहा है। हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो के नेता नासेम बैम ने कहा, 'हम युद्ध का स्थायी अंत चाहते हैं और अकाल खत्म करना चाहते हैं और हमारी यह दोनों मांगें प्रस्ताव में नहीं है। फिर भी गाजा में हो रहे नरसंहार को रोकने के लिए अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ हम इस पर विचार कर रहे हैं।'
इजरायल और हमास के बीच यह सीजफायर 60 दिनों का होगा। इस दौरान इजरायली सेना और हमास की तरफ से कोई गोली नहीं चलेगी। सीजफायर के तहत हमास 10 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा। इसके साथ ही 18 बंधकों के शव भी सौंपेगा। सीजफायर के दौरान इजरायल गाजा में मानवीय सहायता पहुंचने देने की अनुमति देगा।
हमास इस सीजफायर प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। हालांकि, उसने तीन मांगें की है। हमास का कहना है कि वह अमेरिका से भरोसा चाहता है कि 60 दिन बाद लड़ाई फिर से शुरू नहीं होगी और युद्ध के स्थायी अंत को लेकर बातचीत जारी रहेगी। उसने दूसरी मांग यह की है कि गाजा में संयुक्त राष्ट्र के जरिए मानवीय सहायता भेजी जाए। तीसरी मांग यह है कि इजरायल की सेना 2 मार्च से पहले की स्थिति पर लौटे।
हालांकि, इस सीजफायर प्रस्ताव को लेकर इजरायल और हमास, दोनों में ही दोफाड़ हो गई है। एक तबका इस प्रस्ताव को मानने की बात कर रहा है तो दूसरा तबका इसे खारिज करने की।
एक दिन पहले ही इजरायली वित्त मंत्री बेजलाल स्मोत्रिच ने कहा था कि प्रस्ताव को मानना 'पागलपन' से कम नहीं होगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि 'वह ऐसा कभी नहीं होने देंगे।' वहीं, इजरायल के विपक्षी नेता याएर लैपिड ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस प्रस्ताव को मानने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि वे इस पर सरकार के साथ रहेंगे, भले ही उनके लोग उनका साथ छोड़ दें।
हमास के एक नेता ने कहा, 'हम एक दिन में सारे बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार हैं लेकिन हम इस बात की गारंटी चाहते हैं कि युद्ध फिर शुरू नहीं होगा।' उसने कहा, 'वे युद्ध जारी रखना चाहते हैं और हम इसे खत्म करना चाहते हैं।'
अमेरिका के इस सीजफायर प्रस्ताव के बाद हमास जिंदा बचे 20 बंधकों में से आधों को रिहा करने को राजी हो गया है। हालांकि, हमास के एक नेता ने इसे 'बड़ा रिस्क' बताया है। हमास के नेता का कहना है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इजरायल इस समझौते का सम्मान करेगा।
मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता में इस साल जनवरी में इजरायल और हमास के बीच सीजफायर डील हुई थी। समझौते के तहत फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में बंधकों की रिहाई की जानी थी। हालांकि, दोनों के बीच यह समझौता तब टूट गया, जब हमास ने इजरायली बंधकों को रिहा करने से मना कर दिया था।
हाल ही में इजरायल-हमास के बीच समझौता कराने के लिए मिस्र की राजधानी कायरो में एक बार फिर बातचीत शुरू हुई है। इजरायल ने सभी बंधकों की रिहाई के लिए 45 दिन के सीजफायर का प्रस्ताव रखा है। इजरायल ने हमास के सामने हथियार डालने की शर्त भी रखी थी। इसे लेकर गाजा में हमास के चीफ खलील अल-हय्या ने इजरायल पर 'नामुमकीन शर्तें' थोपने का आरोप लगाया था। हमास का कहना है कि युद्ध खत्म करने की शर्त पर वह सभी बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है लेकिन वह हथियार नहीं डालेगा।