गाजा पट्टी में इजरायली बमबारी को पोप फ्रांसिस ने 'क्रूरता' बताया था। अब इस पर इजरायल ने पलटवार किया है। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'इजरायली बच्चों की हत्या करने की कोशिश करते समय बच्चों के पीछे आतंकियों का छिपना क्रूरता है। 442 दिन से 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाकर रखना और उनपर अत्याचार करना क्रूरता है।'
इजरायली विदेश मंत्रालय का यह जवाब पोप फ्रांसिस के उस बयान पर आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बच्चों पर बमबारी करना जंग नहीं, बल्कि 'क्रूरता' है।
इजरायल ने क्या कहा?
पोप फ्रांसिस को जवाब देते हुए इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा कि लोगों को बंधक बनाकर रखना और उनपर अत्याचार करना क्रूरता है। इजरायल ने कहा, 'दुर्भाग्य से पोप ने इस सब बातों को नजरअंदाज किया। साथ ही इस तथ्य को भी अनदेखा किया कि इजरायल ने उन आतंकवादियों को निशाना बनाया है, जिन्होंने बच्चों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया है।'
इजरायल ने आगे कहा, 'पोप की टिप्पणियां निराश करती हैं, क्योंकि यह जिहादी आतंकवाद के खिलाफ इजरायल की लड़ाई को अलग तरह से देखती हैं, जिसने 7 अक्टूबर को मल्टी-फ्रंट वॉर शुरू करने के लिए मजबूर किया।'
पोप ने क्या कहा था?
पोप फ्रांसिस ने शनिवार को कैथोलिक कार्डिनल्स को संबोधित करते हुए कहा था, 'कल इन्होंने वादे के मुताबिक गाजा में पैट्रिआर्क को नहीं आने दिया। कल इन्होंने बच्चों पर बमबारी की। यह जंग नहीं है। यह क्रूरता है। मैं यह सब इसलिए कहना चाहता हूं क्योंकि यह मेरे दिल को छू जाता है।'
गाजा में 7 अक्टूबर से जारी है जंग
इजरायल और हमास के बीच पिछले साल 7 अक्टूबर को जंग शुरू हुई थी। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने इजरायल में घुसकर हमला किया था। इस हमले में 1,200 नागरिक मारे गए थे। हमास के आतंकी अपने साथ 252 लोगों को भी बंधक बनाकर ले गए थे। कुछ बंधकों को छुड़ा लिया गया है लेकिन अब भी 97 बंधक हमास के कब्जे में हैं। 30 बंधक मारे जा चुके हैं। इजरायल का दावा है कि इस जंग में उसने हमास के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है। इस जंग में फिलिस्तीन में 45 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।