• TEL AVIV 11 Dec 2024, (अपडेटेड 11 Dec 2024, 12:39 PM IST)
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वे सीरिया की नई शासन व्यवस्था के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो सेना हमले भी करेगी।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू। (सोर्स: फेसबुक, IDF)
सीरिया में बशर अल-असद प्रशासन उखड़ गया है। वहां के विद्रोही गुट अब सरकार गठन की कोशिशों में जुट गए हैं। इजरायल ने सीरिया संकट पर कहा है कि वे सीरिया की नई शासन व्यवस्था के साथ सही रिश्ते जारी रखेंगे लेकिन अगर उनके राज्य पर खतरा मंडराया तो वे हमला करने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे। इजरायली तोपें गोलान हाइट्स तक पहुंच गई हैं।
बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, 'हम सीरिया के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहते हैं लेकिन हमारा इरादा निश्चित तौर पर वही है जो हमारे देश की सुरक्षा के लिए जरूरी होगा।'
बेंजामिन नेतन्याहू ने यह भी बताया है कि सीरिया पर उन्होंने बमबारी क्यों की है। उन्होंने कहा है कि बशर अल असद सरकार के जो सैन्य हथियार सीरिया के पास थे, वह नहीं चाहते कि वे हथियार जिहादियों के कब्जे में आए।
'दोस्ती चाहते हैं लेकिन हमला करेंगे' बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, 'हम सीरिया में बेहतर रिश्ते चाहते हैं। अगर यह शासन ईरान को सीरिया में स्थापित होने की जगह देगा, ईरान को हिजबुल्लाह तक हथियार पहुंचाने की इजाजत देगा या हमारे ऊपर हमला करेगा तो हम इसका मजबूती से जवाब देंगे। हम इसकी भारी कीमत भी वसूलेंगे। जो पिछली सरकार में हुआ था, वही इस शासन में भी होगा।'
सीरिया अटैक पर इजरायल ने क्या कहा? बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल की बमबारी को जायज ठहारने के लिए इतिहास का किस्सा भी सुना दिया। उन्होंने कहा कि साल 1940 में ब्रिटिश सरकार की रॉयल नेवी ने फ्रांस की सेना पर अल्जीरिया के मेर्स अल-केबीर में हमला किया।
इजरायली सेना ने सीरिया पर लगातार बमबारी की थी। रविवार को बशर अल असद की सरकार को विद्रोहियों ने उखाड़ फेंका है। साल 2011 से शुरू हुए सिविल वार में विद्रोही जीते और उन्हें यह जीत हासिल करने में 14 साल लग गए।
इमेज सोर्स: इजरायली डिफेंस फोर्स
मजबूरी में हमले कर रहा इजरायल! बशर अल-असद के रिश्ते ईरान के साथ बेहतर रहे हैं। इन देशों ने इजरायल के साथ धुरी बना ली थी। सीरिया ईरानी हथियारो का इस्तेमाल करता रहा है। इन हथियारों का इस्तेमाल लेबनॉन में हिजबुल्लाह के लड़ाके करते थे, जिनके साथ इजरायल ने हाल ही में सीज फायर डील की है।
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सीरिया से डर क्यों रहा इजरायल? इजरायल को डर है कि असद सरकार के गिरने के बाद से ही सीरिया की सेना के हथियार कहीं देश के बागियों के हाथ न लग जाएं। इन हथियारों पर हिज्बुल्लाह की भी नजर होगी। इजरायल के रक्षामंत्रालय ने भी कहा कि अगर इजरायल पर हमला होगा तो या इजरायल के लिए खतरा की आशंका बनेगी तो हमला होगा। इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि अगर विद्रोही असद सरकार के पदचिह्नों पर चलेंगे तो वैसे ही खत्म होंगे, जैसे असद हुए है। आतंकियों को सीरिया पर हमला नहीं करने दिया जाएगा। हम खतरे से बचने के लिए कुछ भी करेंगे।'