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98 फीट ऊंची लहरें, 2 लाख मौतें; जापान में 2011 जैसी सुनामी की वॉर्निंग क्यों?

जापान की सरकार ने 'मेगाक्वेक' का अलर्ट जारी किया है। यह तब जारी किया जाता है जब 8 या उससे ज्यादा की तीव्रता वाला भूकंप आने का खतरा होता है।

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जापान में भूकंप के बाद का मंजर। (Photo Credit: PTI)

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जापान में सोमवार को एक जोरदार भूकंप आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.5 मापी गई थी। तटीय इलाकों में सुनामी भी देखने को मिली है। डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी ने बताया कि इस भूकंप में 34 लोग घायल हुए हैं। ज्यादातर लोग घर में कुछ सामान गिरने से घायल हो गए हैं। प्रधानमंत्री सनाई तकाची ने बताया था कि इमरजेंसी टास्क फोर्स बना दी गई है। उन्होंने कहा, 'लोगों की जिंदगी सबसे पहले है। हम वह सब कुछ करेंगे, जो कुछ कर सकते हैं।'


7.5 की तीव्रता वाले भूकंप में जान-माल का तो कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन इससे अब और भी जोरदार भूकंप का खतरा बढ़ गया है। जापान ने मंगलवार को 'मेगाक्वेक' का अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों का कहना है कि अगले हफ्ते जापान में बहुत बड़ा भूकंप आ सकता है।


जब 8 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने की आशंका होती है तो उसे 'मेगाक्वेक' कहा जाता है। अधिकारियों का कहना है कि अभी भी जापान में 8 की तीव्रता का भूकंप आने का खतरा 1% से भी कम है लेकिन 'मेगाक्वेक' की वॉर्निंग इसलिए दी गई है, ताकि लोग 'बहुत बुरे हालात' के लिए तैयार रहें।

 

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जापान में क्या हुआ था?

जानकारी के मुताबिक, जापान में सोमवार-मंगलवार की रात करीब 11:15 बजे 7.5 की तीव्रता वाला भूकंप आया था। यह भूकंप मेन होंशू आइलैंड के उत्तरी इलाके आओमोरी के तट से करीब 80 किलोमीटर दूर है। 

 

 

जापान मीटियरोलॉजिकल एजेंसी (JMA) ने बताया कि कुछ तटीय इलाकों में सुनामी भी देखने को मिली। आओमोरी के दक्षिण में इवाते इलाके के कुजी पोर्ट में लगभग 2 फीट 4 इंच ऊंची लहरें उठीं। कुछ-कुछ इलाकों में भी डेढ़ फीट से ज्यादा ऊंची लहरें उठती दिखीं, जिस कारण काफी नुकसान भी हुआ।


चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी मिनोरू किहारा ने बताया था कि करीब 800 घरों में बिजली चली गई थी। कुछ हिस्सों में बुलेट ट्रेन और लोकल लाइनें रोक दी गई थीं। 

न्यूक्लियर रिएक्टर तक पहुंची आंच

मंगलवार को आए भूकंप की आंच न्यूक्लियर रिएक्टर तक पहुंची। न्यूक्लियर रेगुलेशन अथॉरिटी ने बताया कि भूकंप की वजह से आओमोरी के रोक्काशो प्लांट में बने स्पेंट फ्यूल कूलिंग से 450 लीटर पानी बह गया। अथॉरिटी ने बताया कि हालांकि खतरे की कोई बात नहीं है।

 

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2011 जैसी तबाही का अलर्ट

7.5 की तीव्रता के भूकंप के बाद जापान ने 'मेगाक्वेक' की वॉर्निंग जारी की है। JMA ने कहा कि आने वाले दिनों में भूकंप के कई झटके महसूस हो सकते हैं। 


JMA ने कहा कि राजधानी टोक्यो के पूर्व में चिबा से होक्काइडो तक उत्तर-पूर्वी तट पर 8 की तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है, जिससे सुनामी का खतरा बढ़ गया है। 


अभी जो भूकंप आया है, वह उसी जगह आया है जहां 2011 में 9.0 की तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद सुनामी आ गई थी, जिसमें 20 हजार से ज्यादा लोंगी की जान चली गई थी। इस सुनामी में फुकुशिमा दाइची न्यूक्लियर पावर प्लांट भी तबाह हो गया था।


JMA ने इलाके के लोगों को आने वाले हफ्तों में इमरजेंसी तैयारियों पर नजर रखने की सलाह दी है। हालांकि, यह भी कहा है कि यह चेतावनी किसी बड़ी घटना का अनुमान नहीं है। JMA के अधिकारी सतोशी हराडा ने कहा, 'आपको तैयार रहने की जरूरत है। यह मानते हुए कि ऐसी आपदा फिर आ सकती है।'


चेतावनी दी गई है कि 'मेगाक्वेक' आता है तो सुनामी भी आ सकती है। इससे 98 फीट ऊंची लहरें उठ सकती हैं और ऐसा होता है तो 2 लाख लोगों की जान जा सकती है। अनुमान लगाया है कि इसमें 198 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।


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