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ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही अदाणी पर लगा रिश्वत केस होगा वापस?

वकील रवि बत्रा ने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे गौतम अदाणी भारत सरकार के साथ उठा सकते हैं। अदाणी सरकार से अनुरोध कर सकते हैं कि वे आने वाले ट्रंप प्रशासन के साथ द्विपक्षीय बातचीत के जरिए इसे उठाएं।

Gautam Adani bribary case

उद्योगपति गौतम अदाणी। Source- PTI

उद्योगपति गौतम अदाणी और सागर अदाणी सहित अन्य के ऊपर अमेरिका की बाजार नियामक 'सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन' ने 20 नवंबर को अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और घोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। समूह की तरफ से मामले में अब तमाम तरीकों से बाहर निकलने की कोशिशें जारी हैं। 

 

इस बीच एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी वकील ने संभावना जताई है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही गौतम अदाणी के खिलाफ आरोपों को 'अयोग्य' पाए जाने पर उनके खिलाफ 265 मिलियन अमेरिकी डॉलर के रिश्वत केस को वापस लिया जा सकता है।

कानूनी लड़ाई में विश्वास करते हैं ट्रंप

वकील रवि बत्रा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि अमेरिका के हर नए राष्ट्रपति के पास नई टीम होती है। निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप किसी भी केस को निष्प्रभावी कर देंगे जिसमें कोई छल-कपट जुड़ा हो। ट्रंप कानूनी लड़ाई में विश्वास करते हैं।

विरोधियों को टारगेट किया जा रहा 

बत्रा ने कहा कि इसका साफ मतलब है कि कानून को अपने चुनिंदा विरोधियों को टारगेट करने के लिए लागू किया जा रहा है। यह स्वाभाविक रूप से हमारे संघीय संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे गौतम अदाणी भारत सरकार के साथ उठा सकते हैं। अदाणी सरकार से अनुरोध कर सकते हैं कि वे आने वाले ट्रंप प्रशासन के साथ द्विपक्षीय बातचीत के जरिए इसे उठाएं।

वापस हो सकता है मामला

बत्रा ने आगे कहा अगर आपराधिक या सिविल आरोपों को अयोग्य या दोषपूर्ण माना जाता है तो राष्ट्रपति ट्रंप का न्याय विभाग और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन आपराधिक और सिविल मामलों को वापस ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कानून एक बहुत ही शानदार चीज है क्योंकि यह न्यायपालिका और कानून के शासन में जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए खुद को सही कर सकता है और करता भी है।

अमेरिकी कानूनों के क्षेत्राधिकार से बाहर का केस

भारतीय-अमेरिकी वकील बत्रा ने यह भी कहा कि अदाणी के खिलाफ रिश्वत का आरोप अमेरिकी कानूनों के क्षेत्राधिकार से बाहर है। मुद्दा यह है कि गौतम अदाणी और इस केस में कथित तौर पर शामिल दूसरे लोग, यहां नहीं रहते हैं। बत्रा ने कहा कि जबकि हमारे घरेलू कानून वही हैं लेकिन केस में शुरुआती मुद्दा यह उठता है कि यह अमेरिकी कानूनों के क्षेत्राधिकार से बाहर आवेदन के बारे में है।

अदाणी पर क्या हैं आरोप?

बता दें कि अमेरिका की जांच एजेंसी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन ने एक बयान में कहा है कि अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के गौतम अदाणी और सागर अदाणी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के सिरिल कैबनेस पर बड़े पैमाने पर रिश्वतखोरी की है।

 

अदाणी पर लगाए गए अभियोग में कहा गया है कि गौतम और सागर अदाणी सितंबर 2021 में अदाणी ग्रीन लिमिटेड ने धन की पेशकश की थी, जिसके दौरान वह रिश्वतखोरी में लिप्त थे। इससे 750 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे, जिसमें अमेरिकी निवेशकों से लिए गए लगभग 175 मिलियन डॉलर शामिल थे।

एफबीआई ने की जांच

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सागर अडानी को मार्च 2023 में एफबीआई के स्पेशल एजेंटों ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत से जुड़े आरोपों की जांच के लिए ग्रैंड जूरी समन के साथ सर्च वारंट दिया गया था। मीडिया रिपोर्टों के ही अनुसार, एफबीआई के एजेंटों ने उस समय सागर के पास मौजूद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों को अपने कब्जे में ले लिया था।

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