दो साल से मिसाइलों की आग में जल रहे गाजा में शांति की उम्मीद जग उठी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशों के बाद नरक बन चुके गाजा में नई सुबह होने जा रही है। दरअसल, सोमवार को मिस्र के शहर शर्म-अल-शेख में 'गाजा शांति शिखर सम्मेलन' होने जा रहा है। इसमें शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रण मिला है। मगर पीएम मोदी इस सम्मेलन में खुद ना जाकर विशेष दूत के तौर पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को भेजने का फैसला किया है।
पीएम मोदी को शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया था। इसमें जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है।
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अल-सीसी और ट्रंप करेंगे सह-अध्यक्षता
कीर्ति वर्धन सिंह अब सोमवार को शर्म अल शेख में आयोजित शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी की मेजबानी में हो रहे ‘शर्म अल-शेख शांति शिखर सम्मेलन’ में गाजा के साथ-साथ पश्चिम एशिया में व्यापक स्थायी शांति लाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की जाएगी। इसकी सह-अध्यक्षता अल-सीसी और ट्रंप करेंगे।
मिस्र बयान जारी किया
मिस्र की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप करेंगे, जिसमें 20 से ज्यादा देशों के नेता हिस्सा लेंगे।' इसमें कहा गया है, 'शिखर सम्मेलन का मकसद गाजा पट्टी में युद्ध को समाप्त करना और पश्चिम एशिया में शांति एवं स्थिरता लाने के प्रयासों को बढ़ाना है।'
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गाजा शांति योजना का पहला चरण
यह शिखर सम्मेलन राष्ट्रपति ट्रंप की गाजा शांति योजना के पहले चरण के लागू होने के कुछ दिनों बाद हो रहा है। गाजा में युद्धविराम शुक्रवार को लागू हुआ था। उम्मीद है कि हमास लगभग 20 जीवित बंधकों को सोमवार सुबह रिहा कर देगा। सात अक्टूबर, 2023 को हमास द्वारा इजराइली शहरों पर हमला करने के बाद, जिसमें लगभग 1200 लोग मारे गए थे, इजराइल ने गाजा पर हमले शुरू किये। हमास ने 251 लोगों को बंधक भी बनाया था और उनमें से 50 से ज्यादा अब भी उसकी कैद में हैं।
गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इजराइली सैन्य अभियानों में 66,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं।