तिब्बत में माउंट एवरेस्ट के पास भारी बर्फबारी और बारिश की वजह से सैकड़ों पर्यटक फंस गए हैं। अब उन पर हाइपोथर्मिया का खतरा मंडरा रहा है। कर्मा घाटी में बर्फीले तूफान की वजह से 1000 पर्यटक फंसे हुए हैं। शुक्रवार शाम से ही लगातार बर्फबारी हो रही है। कर्मा में चीन की तरफ से रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है।
रेस्क्यू के लिए स्थानीय लोगों की मदद ली जा रही है। कई रेस्क्यू टीमें भी काम कर रहीं हैं। यह इलाका, जमीन से 4,900 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर है। पर्यटकों की राह से बर्फ हटाने का काम चल रहा है।
यह इलाका पर्वतारोहण के लिए मशहूर है। इस साल 5.4 लाख से ज्यादा लोग एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए आए हैं। जिस इलाके में पर्यटक फंसे हैं, वहां कई बौद्ध मठ भी हैं। यहां कई घाटियां हैं, जहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। ये पर्यटक, सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई के लिए नहीं आए थे।
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एवरेस्ट पर कैसा है मौसम?
आमतौर पर अक्तूबर में ऐसा मौसम वहां नहीं होता। पहाड़ों में इस बार ज्यादा नमी और ठंड है, जिसकी वजह से हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ गया है। अक्तूबर में ऐसा मौसम पहले नहीं देखा गया है।
हाइपोथर्मिया क्या है?
हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का तापमान सामान्य स्तर से नीचे गिरकर 35 डिग्री सेल्सियस या उससे कम हो जाता है। यह तब होता है जब शरीर ठंड की चपेट में ज्यादा देर तक रहता है। बॉडी हीट कम होने लगती है। यह आमतौर पर बेहद ठंडे मौसम, पानी में भीगने की वजह से होता है।
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नेपाल में खराब मौसम से 47 मौतें
अब एवरेस्ट के लिए नए टिकट नहीं जारी हो रहे हैं। नेपाल में बाढ़ और बारिश से तबाही जारी है। अब तक 47 लोगों मौत हो चुकी है।
माउंट एवरेस्ट पर पड़ी हैं सैकड़ों लाशें
हिमालयन डेटाबेस की एक रिपोर्ट बताती है कि साल 1922 से लेकर 2022 तक, माउंट एवरेस्ट पर औसतन हर साल 5 पर्वतारोहियों की मौत हुई है। 1993 से 2022 तक के 30 साल के औसत में यह संख्या 6.2 मृत्यु प्रति वर्ष है। एवरेस्ट पर अब तक सैकड़ों लाशें पड़ी हैं।