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1700 मौतें, सेना के हवाई हमले जारी; भूकंप से तबाह म्यांमार के हालात

म्यांमार दोहरी मार से जूझ रहा है। एक ओर भूकंप से तबाही जारी है तो दूसरी ओर सेना के हवाई हमले भी जारी हैं। इसने रेस्क्यू ऑपरेशन को मुश्किल बना दिया है।

myanmar earthquake

भूकंप से तबाह म्यांमार। (Photo Credit: PTI)

गृहयुद्ध से जूझ रहा म्यांमार 3 दिन में 4 बार भूकंप से कांप गया है। अब तक 1,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। 


म्यांमार में सबसे पहले शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। रविवार को भी 5.1 तीव्रता का भूकंप आया। शुक्रवार से रविवार तक 5 से ज्यादा तीव्रता के 4 भूकंप आ चुके हैं। एक ओर भूकंप के झटके जारी हैं तो दूसरी ओर हमले भी। सबसे ज्यादा नुकसान मांडले और नेप्यीडॉ में हुआ है। सैकड़ों इमारतें ढह गई हैं। सड़कें टूट गईं हैं और पुल गिर गए हैं। 

 

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मदद के लिए आगे आई दुनिया

म्यांमार में दुनियाभर के कई देशों ने मदद भेजी है। भारत, चीन, रूस, थाईलैंड, मलेशिया और वियतनाम जैसे देशों ने इमरजेंसी टीम भेजी हैं। हालांकि, अमेरिका की तरफ से अब तक कोई मदद नहीं आई है। 


म्यांमार की सैन्य सरकार का कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि मलबे में सैकड़ों लाशों के दबे होने की आशंका है। खोजी कुत्तों की मदद से लाशों को ढूंढा जा रहा है। चीन ने 1.4 करोड़ डॉलर की मदद दी है। इसके साथ ही रेस्क्यू वर्कर्स और खोजी कुत्ते भी म्यांमार भेजे हैं।

 


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे 'टॉप लेवल इमरजेंसी' माना है और फंडिंग की मांग की है। WHO का कहना है कि म्यांमार में स्वास्थ्य सुविधाएं सीमित हैं। ऐसे में भूकंप से घायल लोगों की जान बचाने के लिए अगले एक महीने में 80 लाख डॉलर की जरूरत है। WHO ने आशंका जताई है कि भूकंप के बाद बीमारियां फैलने का भी खतरा है। 


भारत ने भी C-130 सैन्य विमान से जरूरी सामान म्यांमार पहुंचाया है, जिसमें हाइजिन किट्स और फूड पैकेट शामिल हैं। इसके अलावा चार और एयरक्राफ्ट और दो युद्धपोत और एक फील्ड हॉस्पिटल की मदद भी भेजी है।

 

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कितना खतरनाक था भूकंप?

म्यांमार में शुक्रवार को आया भूकंप बहुत खतरनाक था। शुक्रवार को जो भूकंप आया था, वह 300 से ज्यादा परमाणु बमों के बराबर था। जियोलॉजिस्ट जेस फीनिक्स ने CNN को बताया 'इस तरह के भूकंप से निकलने वाली एनर्जी 334 परमाणु बमों के बराबर होती है।'


उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के भूकंप के बाद महीनों तक झटके आने का खतरा है। उन्होंने बताया, 'ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे यूरेशियन प्लेट से टकराती रहती हैं।'

भूकंप के बावजूद हमले जारी

एक तरफ म्यांमार सदी की सबसे बड़ी आपदा से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ सैन्य सरकार के हमले भी जारी हैं। म्यांमार की सैन्य सरकार लोकतंत्र समर्थकों पर हवाई हमले कर रही है। सेना ने साफ कर दिया है कि वह बमबारी नहीं रोकेगी। गृहयुद्ध के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें भी आ रही हैं।

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