प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद युनुस के बीच थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में बैठक हुई है। पढ़ें रिपोर्ट।
मोहम्मद युनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Credit: PTI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद युनुस के बीच थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में मुलाकात हुई है। 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार की विदाई के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं, ऐसे में दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। बांग्लादेश की ओर से बार-बार भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है, भारत ऐसे प्रस्तावों को खारिज कर रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी और मोहम्मद युनुस की यह मुलाकात BIMSTEC सम्मेलन के दौरान हुई है। शुक्रवार को हुई इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ही हैं। भारत और बांग्लादेश केबीच पहली बार इस स्तर की बड़ी वार्ता 5 अगस्त 2024 के बाद हुई है।
क्यों हुई है बैठक? भारत और बांग्लादेश के संबंध कुछ महीनों से तनावपूर्ण हैं। बैठक में दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए चर्चा हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी के शेड्युल में इस बैठक का पहले जिक्र नहीं था। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हितो की अनदेखी को लेकर भारत की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। भारत ने शेख हसीना को शरण दिया है, बांग्लादेश ने इस पर ऐतराज जताया था। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, शेख हसीना की वापसी चाहती है, जिससे उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे चलाए जा सकें।
'चिकन नेक' पर बयान दिया, भारत में हुई थी कड़ी आलोचना मोहम्मद युनुस ने चीन दौरे के वक्त सिलिगुड़ी कॉरिडोर पर कुछ ऐसा कहा था जिस पर बवाल हुआ था। उन्होंने कहा था कि भारत के 7 उत्तर-पूर्वी राज्य, जमीन से घिरे हैं। बांग्लादेश हिंद महासागर का इस क्षेत्र में इकलौता संरक्षक है। मोहम्मद युनुस के इस बयान की भारत में कड़ी आलोचना हुई थी।
सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था, 'बांग्लादेश के तथाकथित अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनुस का 7 पूर्वोत्तर के राज्यों के बारे में दिया गया बयान कि ये राज्य लैंडलॉक्ड हैं, आपत्तिजनक है। वह बांग्लादेश को हिंद महासागर का गार्जियन बता रहे हैं, यह आपत्तिजनक है और निंदा के योग्य है। भारत के रणनीतिक तौर पर अहम चिकन नेक कॉरिडोर पर वह भारत की क्षमता को कमतर आंक रहे हैं।'