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नेपाल में प्रदर्शन जारी; ओली-पूर्व PM के घर फूंके, जगह-जगह हिंसा

नेपाल में लगातार दूसरे दिन जेन-जी का प्रदर्शन जारी है। राजधानी काठमांडू समेत कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्रियों के घर पर तोड़फोड़ हो रही है।

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नेपाल में लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन हो रहे हैं। (Photo Credit: PTI)

नेपाल में जबरदस्त बवाल हो रहा है। लगातार दूसरे दिन प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं। 'जेन-जी' के बैनर तले मंगलवार को भी राजधानी काठमांडू समेत कई हिस्सों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग पर अड़े हैं। अब तक नेपाल की सरकार के 4 मंत्रियों का इस्तीफा हो गया है। इस बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शाम 6 बजे ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है।


जानकारी के मुताबिक, छात्रों के ये प्रदर्शन काठमांडू के कालांकी और बानेश्वर के साथ-साथ ललितपुर जिले के छपागांव-थेचो में हो रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर छात्र शामिल हैं। इनके हाथ में 'छात्रों को मत मारो' नारे लिखे प्लेकार्ड्स हैं।


चश्मदीदों ने बताया कि मंगलवार सुबह कुछ प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर सड़क ब्लॉक करने के लिए टायर जलाए। प्रदर्शनकारी 'केपी चोर, देश छोड़' और 'भ्रष्ट नेताओं पर ऐक्शन लो' जैसी नारेबाजी कर रहे हैं।

 

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अचानक क्यों हिंसक हुआ प्रदर्शन?

नेपाल के लोग ओली सरकार और उनके नेताओं के कथित भ्रष्टाचार से पहले से ही परेशान थी। नेपाल की सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप समेत 26 सोशल मीडिया साइटों पर बैन लगाया तो इसने गुस्से को और भड़का दिया।

 


सोमवार को हजारों की संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने संसद में घुसने की भी कोशिश की। पुलिस ने रोकने के लिए गोलिया चलाईं। पहले दिन प्रदर्शन में 19 लोग मारे गए, 400 से ज्यादा घायल हुए हैं। नेपाल में हो रहे इन प्रदर्शनों को 'जेन-जी प्रोटेस्ट' कहा जा रहा है, क्योंकि इनमें ज्यादातर छात्र शामिल हैं।

 


सोशल मीडिया पर बैन से हटाने की मांग पर शुरू हुआ यह प्रदर्शन कुछ ही देर में हिंसक हो गया। जगह-जगह आगजनी और झड़पों की खबरें सामने आईं। 


प्रोटेस्ट को देखते हुए सोमवार देर रात सरकार ने कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और सोशल मीडिया पर लगे बैन को हटाने का फैसला लिया। इससे पहले सरकार का कहना था कि रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने के कारण इन साइटों को बैन किया जा रहा है। 

अभी कैसे हैं हालात?

नेपाल में अभी वैसे ही हालात देखने को मिल रहे हैं, जैसे पिछले साल बांग्लादेश में देखने को मिले थे। हिंसा को देखते हुए सरकार ने काठमांडू समेत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया था। हालांकि, इसके बावजूद मंगलवार को प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।


हालात बिगड़ने के बाद सोमवार से ही राजधानी काठमांडू में नेपाली सेना तैनात है। सेना के जवानों ने न्यू बानेश्वर में स्थित संसद भवन के आसपास की सड़कों को अपने कब्जे में ले लिया है।

 


काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, जेन-जी प्रदर्शनकारियों ने सानेपा में सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस पार्टी के दफ्तर को आग लगा दी। मंगलवार सुबह से ही संसद भवन के आसपास प्रदर्शनकारी जुटने लगे थे। प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने काठमांडू पोस्ट से कहा, 'कल की घटना ने सरकारी की नाकामी को उजागर कर दिया। मैं यहां युवाओं के लिए खड़ा हूं।'

 

 

प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भक्तपुर के बालकोट में स्थित आवास में भी आग लगा दी है। पीएम ओली इस वक्त बलवतार स्थित प्रधानमंत्री आवास में हैं। इस बीच ललितपुर में हेलिकॉप्टर भी उड़ते दिखाई दे रहे हैं।

 


चश्मदीदों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर जिले के सुनाकोठी में स्थित पूर्व आईटी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के आवास पर पत्थरबाजी की है। गुरुंग ने ही सोशल मीडिया पर बैन लगाने का आदेश जारी किया था। प्रदर्शनकारियों ने ललितपुर में खुमाल्तार में पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के घर पर भी तोड़फोड़ की है। इतना ही नहीं, काठमांडू के बुधानीकांठा में पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा के घर के बाहर भी प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे हैं।

 

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3 मंत्रियों का इस्तीफा, ओली ने बुलाई मीटिंग

नेपाल में चल रहे इन प्रदर्शनों के बीच ओली सरकार के तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। सबसे पहले सोमवार को ही गृह मंत्री रमेश लेखक ने मौजूदा हालात को लेकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 


इन प्रदर्शनों ने ओली सरकार को संकट में डाल दिया है। सरकार से नाराजगी के चलते मंत्री इस्तीफा दे रहे हैं। मंगलवार सुबह कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देते हुए अधिकारी ने कहा था कि वह ऐसी सरकार के साथ नहीं रह सकते, जिसने उस पीढ़ी के खिलाफ हिंसक बर्ताव किया, जिसके साथ उसे राष्ट्र निर्माण करना चाहिए था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब देश लोकतंत्र की बजाय 'अधिनायकवाद' की ओर बढ़ रहा है।


कृषि मंत्री अधिकारी के इस्तीफे के कुछ देर बाद ही स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौदेल के भी इस्तीफा देने की खबर है।

 


इस बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार शाम को ऑल पार्टी मीटिंग भी बुलाई है। उन्होंने लिखा, 'स्थिति का आकलन करने और एक सार्थक निष्कर्ष निकालने के लिए संबंधित पक्षों के साथ बातचीत कर रहा हूं। इसके लिए मैंने आज शाम 6 बजे ऑल पार्टी मीटिंग भी बुलाई है।' उन्होंने सभी लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की।

ओली के इस्तीफे की मांग तेज

नेपाल में बिगड़ते हालात के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है। प्रदर्शनकारी भी 'केपी चोर, देश छोड़' जैसे नारे लगा रहे हैं।


इस बीच नेपाली संसद के महासचिव गगन थापा ने भी नैतिकता के आधार पर प्रधानमंत्री ओली से इस्तीफा देने को कहा है। उन्होंने कहा कि 19 लोगों की मौत की जिम्मेदारी लेते हुए ओली को इस्तीफा दे देना चाहिए।


उन्होंने कहा, 'मासूम युवाओं की बेवजह हत्या की गई है। प्रधानमंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और तुरंत पद छोड़ देना चाहिए।'

 


काठमांडू पोस्ट में एक ओपिनियन में ओली से इस्तीफा देने की बात कही गई है। ओपिनियन में लिखा है, 'लोकतांत्रिक नेपाल के इतिहास का यह सबसे काला दिन था। सोमवार को काठमांडू और पूरे नेपाल में 19 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिनमें ज्यादातर स्कूल और कॉलेज जाने वाले युवा थे। ज्यादातर लोगों को सिर या सीने में गोली मारी गई। सोमवार को जो हुआ उसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की है।'

काठमांडू समेत कई इलाकों में कर्फ्यू

नेपाल में प्रदर्शन हिंसक होते जा रहे हैं। सोमवार शाम से ही काठमांडू समेत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। 


राजधानी काठमांडू में आज सुबह से 8:30 बजे से अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है। इशके अलावा मध्यापुर थिमी, सूर्यबिनायक, चंगुनारायण और भक्तपुर में भी सुबह 8:30 बजे से कर्फ्यू लागू है। ललितपुर के भैसेपेटी, सानेपा और च्यासाल में भी कर्फ्यू लगाया गया है।


अधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू के दौरान लोगों के आने-जाने, सभा करने, रैलियां करने, जुलूस निकालने या धरना प्रदर्शन करने पर रोक है।

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