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नेपाल में हिंसा का नया दौर; जेल तोड़कर भाग रहे कैदी, 15000 हो गए फरार

नेपाल में अब एक नई समस्या खड़ी हो गई है। जेन-जी प्रोटेस्ट के बीच अब जेलों से कैदी भागने लगे हैं। अब तक दो दर्जन से ज्यादा जेलों से 15 हजार से ज्यादा कैदी भाग चुके हैं।

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काठमांडू में तैनात नेपाली सैनिक। (Photo Credit: PTI)

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। सरकार के खिलाफ जेन-जी ने प्रोटेस्ट शुरू किया था। अब जगह-जगह कैदियों और सेना के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं। नेपाल के इतिहास में पहली बार जेल ब्रेक की इतनी बड़ी घटनाएं सामने आ रहीं हैं। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, मंगलवार और बुधवार को देशभर की दो दर्जन से ज्यादा जेलों से कैदी फरार हो गए हैं। नेपाल में आगजनी और दंगों के बीच हजारों कैदी भाग गए हैं। नेपाल की जेलों से भागे कैदियों में से 35 को भारत में घुसते हुए पकड़ लिया गया है। 


जेल ब्रेक की शुरुआत तब हुई जब युवा प्रदर्शनकारियों ने कई जेलों में धावा बोल दिया और आग लगा दी। कई जेलों के दरवाजे तोड़ दिए गए। बुधवार शाम तक 25 से ज्यादा जेलों से 15 हजार से ज्यादा कैदी भाग चुके हैं, जिनमें से कुछ को ही फिर से गिरफ्तार किया गया है।


नेपाल में मंगलवार रात से ही सेना ने कमान संभाल ली है। दो दिन से हो रही जेल ब्रेक की घटनाएं गुरुवार को भी जारी हैं। गुरुवार को रामेछाप जेल से कैदियों ने भागने की कोशिश की, जिन पर सैनिकों ने गोलियां चलाईं। गोलीबारी में दर्जनों कैदी घायल हो गए हैं। 

 

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जेल ब्रेक की घटनाएं कहां-कहां?

नेपाल की 25 से ज्यादा जेलों से 15 हजार से ज्यादा कैदियों के भागने की खबर है। सबसे बड़ी घटना बांके जुवेनाइल रिफॉर्म सेंटर में हुई, जहां पुलिस ने अफरा-तफरी के दौरान गोलीबारी की थी, जिसमें 5 नाबालिग कैदी मारे गए थे। इस सेंटर में कुल 228 नाबालिग कैदी थे, जिनमें से 122 भाग गए।


काठमांडू में दो बड़ी जेलों से बड़े पैमाने पर कैदियों के भागने की खबरें हैं। अकेले सुंधरा स्थित जेल से लगभग 3,300 कैदी तो ललितपुर की नक्खू जेल से 1,400 कैदी भाग गए। काठमांडू के दिल्लीबाजार जेल में कैदियों ने आग लगाकर भागने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाबलों ने इसे नाकाम कर दिया। हालांकि, नेपाली सेना के मोर्चा संभालने से पहले कई कैदी नारेबाजी करते हुए वहां से भागने में कामयाब रहे थे।

 


गंडकी प्रांत में कास्की डिस्ट्रिक्ट जेल से मंगलवार को 773 कैदी भाग गए थे। जेल में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी थी। इसके बाद मची अफरा-तफरी में कैदी भाग गए। जेलर राजेंद्र शर्मा ने बताया था कि भागने वाले कैदियों में 13 भारतीय भी थे।


पूर्वी तराई में जेल ब्रेक की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं हैं। रौतहट की गौर जेल में प्रदर्शनकारी जेल में घुस गए थे, जिसके बाद 260 कैदी यहां से भाग गए। इनमें 100 से ज्याका कैदी हत्या के दोषी थे। महोत्तरी की जलेश्वर जेल से 575 कैदी भाग गए थे। नेपाल की सबसे बड़ी जेलों में से एक सुनसरी की झुमका जेल से 1,575 कैदी भाग गए। चितवन में 700 और कपिलवस्तु डिस्ट्रिक्ट जेल से 459 कैदी फरार हो गए। इनमें से कुछ ही कैदियों को दोबारा पकड़ा गया।


मंगलवार देर रात को प्रदर्शनकारियों ने परबत जेल पर धावा बोल दिया था, जिसमें 99 कैदियों में 86 कैदी मारे गए थे। बांके जिला जेल से 436 कैदी भाग गए। कैलाली जेल से 612 कैदी भाग गए। भागने वालों में 26 महिलाएं थीं। दादेल्धुरा जेल से 85, डोटी से 62, बैतड़ी से 124 और मकवानपुर से 260 कैदियों के भागने की खबर है। वहीं, सिंधुली जेल में आगजनी के बाद 500 से ज्यादा कैदी भाग गए।

 

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कैदियों और सेना में झड़प जारी

गुरुवार को लगातार चौथा दिन है जब नेपाल में हिंसा हो रही है। हालांकि, जेन-जी प्रोटेस्ट अब थोड़ा शांत हो गया है लेकिन अराजकता अभी भी बनी हुई है। 


नेपाल की जेलों से अभी भी कैदियों के भागने की खबरें हैं। गुरुवार सुबह रामेछाप जेल से बड़े पैमाने पर कैदियों के भागने से रोकने के लिए सेना ने गोलीबारी की। काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, इस गोलीबारी में एक दर्जन से ज्यादा कैदी घायल हो गए। 


चीफ डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर श्याम कृष्ण थापा ने बताया कि कैदियों ने कई ताले तोड़ दिए और उन्होंने मेन गेट को भी तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि सेना ने कैदियों को रोकने के लिए गोलीबारी की, जिसमें 12 से 13 कैदी घायल हो गए।


रामेछाप की इस जेल में 300 से ज्यादा कैदी हैं। पुलिस ने बताया कि सभी कैदियों पर काबू पा लिया गया है और हालात अब सामान्य हो गए हैं।

 

 

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परिवार डरे, कैदियों को पकड़ने की कोशिशें तेज

जेलों से जो कैदी भागे हैं, उनमें से ज्यादातर हत्या, बलात्कार, किडनैपिंग और मानव तस्करी जैसे जघन्य अपराधों के दोषी हैं। कैदियों के फरार होने से पीड़ित परिवार डरे हुए हैं।

 

इस बीच भारतीय सुरक्षाबलों ने 35 कैदियों को पकड़ लिया है। नेपाल की जेलों से भागे कैदियों में से 22 यूपी बॉर्डर, 10 बिहार बॉर्डर और 3 पश्चिम बंगाल की सीमा पर पकड़े गए हैं। इन्हें भारत की सीमा में घुसते हुए सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवानों ने पकड़ा है।

 


वहीं, सेना और पुलिस कैदियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। डिपार्टमेंट ऑफ प्रिजन ने कहा कि भागे गए कैदियों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। डिपार्टमेंट के डीजी जनरल लीला प्रसाद शर्मा ने बताया कि फरार कैदियों को फिर से गिरफ्तार करने और कानून व्यवस्था संभालने के लिए देशभर में नेपाली सेना और पुलिस को तैनात किया गया है।

 

उन्होंने कहा कि फरार कैदियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए सभी मौजूद संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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