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प्लेन हाईजैक करने वाले नेता से हुई सुशीला कार्की की शादी, पढ़िए कहानी

52 साल पहले एक विमान का अपहरण हुआ। 2025 में उसका जिक्र शुरू हुआ। मगर क्यों? इसलिए इस विमान हाईजैकर की पत्नी पहले मुख्य न्यायाधीश बनी और अब एक देश की प्रधानमंत्री।

Sushila Karki.

नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की। ( Photo Credit: NepalNews)

10 जून 1973 को नेपाल के विराटनगर से एक विमान ने उड़ान भरी। विमान में कुल 15 यात्री सवार थे। सभी राजधानी काठमांडू जा रहे थे। आसमान में विमान ने अपना रास्ता मोड़ा। काठमांडू जाने के बजाय नेपाल का यह विमान भारत की सीमा में दाखिल हो गया। कुछ देर में पता चला कि विमान को तीन लोगों ने हाईजैक कर लिया है। यह नेपाल के इतिहास का पहला विमान अपहरण था। हाईजैकिंग को अंजाम बसंत भट्टाराई, नागेंद्र धुंगेल और दुर्गा प्रसाद सुबेदी ने दिया था। इसका ताना-बाना गिरिजा प्रसाद कोइराला ने बुना था। बाद में यही कोइराला चार बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने।

 

19 सीटर रॉयल नेपाल एयरलाइंस के इस विमान में नेपाली अभिनेता सीपी लोहानी और बॉलीवुड अदाकारा माला सिन्हा भी सवार थीं। अपहरणकर्ताओं ने पायलट पर दबाव बनाया और विमान को बिहार के फोर्ब्सगंज में उतारा गया। विमान में लगभग 30 लाख रुपये की नकदी थी। तीनों की निगाह इसी धन पर थी। विमान के सुरक्षित लैंड करने के बाद कुछ रकम उतार ली गई और बाकी रकम और यात्रियों के साथ विमान को दोबारा काठमांडू रवाना कर दिया गया। नेपाल का यह विमान साल 2014 तक उड़ान भरता रहा। एक दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने के बाद इसके टुकड़ों को काठमांडू के एक संग्रहालय में रख दिया गया है।

 

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अब चर्चा क्यों?

अब आप सोच रहे होंगे कि 52 साल पहले हुई इस घटना का जिक्र आज क्यों? इसकी वजह यह है कि ओली सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विद्रोह के बाद सुशीला कार्की को नेपाल का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया। विमान अपहरण में शामिल एक शख्स के साथ ही सुशीला कार्की का विवाह हुआ है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान सुशीला की मुलाकात दुर्गा प्रसाद सुबेदी से हुई। बाद में दोनों ने शादी रचाई। रॉयल नेपाल एयरलाइंस के अपहरण में सुबेदी भी शामिल थे। उस वक्त वह नेपाल कांग्रेस के युवा नेता था। आज उनकी किनती वरिष्ठ नेताओं में होती है।

क्यों किया गया अपहरण?

विमान अपहरण करने के पीछे की मंशा किसी यात्री को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि विमान में लदी नेपाल राष्ट्र बैंक की 30 लाख रुपये की नकदी को लूटना था। विमान से लूटा गया धन पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग पहुंचाया गया और सभी अपहरणकर्ता भूमिगत हो चुके थे। मगर एक साल के भीतर नागेंद्र धुंगेल को छोड़कर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।  बाद में सभी को जमानत मिली और 1980 के जनमत संग्रह से पहले नेपाल भेज दिया गया। सुबेदी समेत नेपाल कांग्रेस के सभी नेता उस वक्त राजशाही के खिलाफ थे। उन्होंने सशस्त्र विद्रोह के लिए धन जुटाने की नीयत से विमान हाईजैक किया था।

 

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विमान हाईजैक से जुड़ी अहम बातें

  • दो इंजन वाला था रॉयल नेपाल एयरलाइंस का विमान।
  • हथियारों के साथ विमान में चढ़े थे तीनों अपहरणकर्ता।
  • पायलट को बंदूक दिखा विमान को बिहार में उतारा।
  • तीनों अपहरणकर्ता यात्री बनकर विमान में चढ़े थे।
  • फोर्ब्सगज में विमान के इंतजार में खड़े थे 5 लोग।
  • 3 बॉक्स में लगभग 4,00,000 डॉलर की नकदी लूटी थी।
  • सुबेदी के दो साल भारत की जेल में बीते।
  • पूर्व PM सुशील कोइराला ने भी 3 साल जेल में काटे।

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