OpenAI के लिए काम कर चुके भारतीय-अमेरिकी एआई रिसर्चर सुचिर बालाजी की डेड बॉडी सैन फ्रांसिस्को के एक अपार्टमेंट में पाई गई। 26 नवंबर को हुए इस हादसे की जांच हुई तो पता चला कि सुचिर ने आत्महत्या की थी।
दरअसल, सुचिर ने ओपनएआई के लिए चार साल तक काम किया था। उन्होंने चैट जीपीटी के डेवलपमेंट में भी बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि, वह सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने OpenAI पर संगीन आरोप लगाना शुरू कर दिया।
चार साल काम करने के बाद अगस्त में दिया इस्तीफा
बालाजी ने सैन फ्रांसिस्को स्थित स्टार्टअप कपंनी में करीब चार साल काम करने के बाद अगस्त में इस्तीफा दे दिया था। अक्टूबर में न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए गए एक साक्षात्कार में उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण भी बताया। उन्होंने ओपनएआई पर आरोप लगाते हुए कहा, 'मैं अब उन तकनीकों में योगदान नहीं देना चाहता था जो मुझे लगता है कि समाज को लाभ पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचाएंगी।' बालाजी ने अखबार से कहा, 'अगर आप मेरी बात पर यकीन करते हैं, तो आपको कंपनी छोड़ देनी चाहिए।'
सुचिर ने किया था ये दावा
सुचिर का कहना था कि ChatGPT बनाने के लिए बिना परमिशन के जर्नलिस्ट, लेखकों, प्रोग्रामरों के कॉपीराइटेड मटीरियल का इस्तेमाल किया गया है जिसका सीधा असर कई बिजनेसों और कारोबारों पर पड़ सकता है। 25 नवंबर यानी उनके शव मिलने से एक दिन पहले ओपनएआई के खिलाफ लाए गए कॉपीराइट मुकदमे में बालाजी का नाम कोर्ट में दर्ज किया गया था।
एलन मस्क ने दिया रिएक्शन, कौन थे सुचिर?
ओपनएआई में काम करने से पहले बालाजी ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की। कॉलेज में रहते हुए उन्होंने ओपनएआई और स्केल एआई में इंटर्नशिप की। उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, ओपनएआई में अपने शुरुआती दिनों में बालाजी ने वेबजीपीटी पर काम किया और बाद में जीपीटी-4 के लिए प्रीट्रेनिंग टीम, ओ1 के साथ रीजनिंग टीम और चैटजीपीटी के लिए पोस्ट-ट्रेनिंग पर काम किया। इस बीच, एलन मस्क समेत कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी।