अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाको ने पाकिस्तान को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में भारत और पाकिस्तान का जिक्र किया। जॉन किरियाको ने दिसंबर 2001 में (9/11) संसद पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान में आतंक विरोधी अभियानों का नेतृत्व करते हुए कई साल बिताए हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका को लगता था कि भारत और पाकिस्तान युद्ध के कगार पर खड़े हैं। उन्होंने पाकिस्तान को हिदायत देते हुए कहा कि उसे भारत को उकसाना बंद कर देना चाहिए क्योंकि भारत के साथ युद्ध में पाकिस्तान कभी नहीं जीत सकता।
जॉन किरियाको ने कहा कि इस्लामाबाद को यह समझना चाहिए कि भारत के साथ युद्ध से उसे कुछ हासिल नहीं होगा। भारत और पाकिस्तान के बीच अगर युद्ध होता है तो पाकिस्तान के लिए कुछ भी अच्छा नहीं निकलेगा क्योंकि पाकिस्तान युद्ध हार जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह पारंपरिक युद्ध की बात कर रहे हैं, न्यूक्लियर हथियारों की नहीं। उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान को बार-बार भारत को उकसाना बंद कर देना चाहिए।
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अमेरिका ने पाकिस्तान को दिया पैसा
जॉन किरियाको ने कहा कि भारत पर नजर रखने वाली पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को अमेरिका ने पैसा दिया, जिससे उन्हें फायदा हुआ। पाकिस्तान के सभी सुरक्षा उपकरण भारत की ओर मुड़ गए थे। उन्होंने कहा, 'मैं एक बात जोड़ना चाहता हूं कि हमने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को इनाम के तौर पर करोड़ों डॉलर कैश दिए और भगवान जाने उन्होंने उस पैसे का क्या किया।'
उन्होंने कहा कि अमेरिका को तानाशाहों के साथ काम करना पसंद है क्योंकि इसमें मीडिया या जनता का दबाव नहीं रहता। हमने उस समय के जनरल परवेज मुशर्रफ को खरीद लिया था। उन्होंने अमेरिका को मनमानी करने दी। हमने पाकिस्तान को लाखों-करोड़ों डॉलर की मदद दी। हम परवेज मुशर्रफ को नियमित रूप से हफ्ते में कई बार मिलते थे और वह हमें वह सब करने देते थे जो हम करना चाहते थे।
पाकिस्तान का दोहरा चेहरा
पाकिस्तान एक तरफ तो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने की बात करता है और दूसरी तरफ भारत में आतंकवादी हमले करवाता है। सालों से पाकिस्तान इस रणनीति पर काम करता आया है और उनके इस दोहरे चेहरे का खुलासा जॉन किरियाको ने भी किया। उन्होंने बताया कि किस तरह पाकिस्तान आतंक-रोधी अभियान में अमेरिका का साथ देने का दिखावा करता था लेकिन आर्मी के कहने पर भारत में आतंक फैलाता था। किरियाको ने कहा,'परवेज मुशर्रफ ने सिर्फ सेना को खुश रखा और भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां करते हुए आतंकवाद-रोधी अभियानों में अमेरिका का साथ देने का दिखावा किया। सेना को अल-कायदा की परवाह नहीं बल्कि भारत की परवाह थी। इसलिए सेना को खुश रखने और कुछ चरमपंथियों को खुश रखने के लिए उन्होंने अमेरिका का साथ देने का दिखावा करते हुए भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाना जारी रखा।
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अमेरिका पर लगाए आरोप
जॉन किरियाको ने पाकिस्तान ही नहीं बल्कि अमेरिका के दोहरे चेहरे को भी दुनिया के सामने रखा। उन्होंने बताया कि अमेरिका के पास पाकिस्तान के परमाणु बम के डिजाइनर अब्दुल कादिर खान को खत्म करने का मौका था लेकिन सऊदी अरब के अनुरोध पर ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ' हम जानते थे कि वह कहां रहते हैं और उनकी दिनचर्या क्या है लेकिन सऊदी सरकार ने कहा कि उसे छोड़ दो, हम एक्यू खान के साथ काम कर रहे हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका खुद को लोकतंत्र और मानवाधिकारों का रक्षक के रूप में दिखाता है लेकिन सच्चाई यह है कि ये देश वही करता है जिसमें उसे फायदा हो। अगर आप देखें तो अमेरिका और सऊदी अरब के बीच का रिश्ता ही पूरी तरह तेल और हथियार पर आधारित है। अमेरिका उसका तेल खरीदता है और वह अमेरिका का हथियार। अमेरिका और सऊदी अरब का असली रिश्ता यही है।