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'अब आखिरी उम्मीद आप ही हैं...', पाकिस्तानी नेता ने PM मोदी से की मदद की गुहार

पाकिस्तान में रहने वाले सिंधी समुदाय के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। पाकिस्तानी नेता ने वहां की सरकार से अपने समुदाय को बचाने के लिए पीएम मोदी को पत्र भेजा है।

PM Modi

पीएम नरेंद्र मोदी: Photo Credit: Social Media

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दक्षिण एशिया में भूचाल ला देने वाली एक घटना सामने आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रैंकफर्ट से एक ऐसा पत्र मिला है जिसने भारत ही नहीं, पूरे दक्षिण एशिया की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह पत्र किसी कूटनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अंदर से उठी एक बेहद चिंताजनक चेतावनी है। एक ऐसी चेतावनी, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान तेजी से अराजकता की ओर बढ़ रहा है और इस हालात को काबू में रखने की आखिरी उम्मीद अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

 

यह पत्र जेय सिंध मुत्तहिदा महाज (JSMM) के प्रमुख शफी बुरफत ने भेजा है, जो पाकिस्तान में सिंधी लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बुरफत ने बेहद गंभीर दावे किए हैं, उनके मुताबिक, पाकिस्तान में हाल ही में किए गए संवैधानिक संशोधनों के बाद जनरल आसिम मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस बना दिया गया है, जिससे देश की राजनीति, सुरक्षा और यहां तक कि परमाणु हथियारों पर भी उनकी पूरी कमान हो गई है।

 

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बुरफत का कहना है कि यह फैसला सिर्फ पाकिस्तान के भीतर सिंध के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने चेताया है कि पाकिस्तान एक चरमपंथी और सैन्य हुकूमत की गिरफ्त में तेजी से फंस रहा है और इसका खामियाजा पूरे क्षेत्र को भुगतना पड़ सकता है।

परमाणु खतरे की चेतावनी

बुरफत की सबसे बड़ी चिंता जनरल आसिम मुनीर को लेकर है, जिन्हें पाकिस्तान की संसद के जरिए किए गए नए संविधान संशोधनों के बाद चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस बना दिया गया है। यह सिर्फ एक पदोन्नति नहीं है। यह पूरे पाकिस्तान के परमाणु हथियारों, राष्ट्रीय नीतियों, आंतरिक सुरक्षा और राजनीति पर सिर्फ एक व्यक्ति को पूरी पकड़ देने जैसा है।

 

बुरफ़त ने पत्र में लिखा, 'आसिम मुनीर को पाकिस्तान के परमाणु बमों का मालिक बना देना न सिर्फ सिंध के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए खतरा है।'

एक राष्ट्र की आखिरी पुकार

पत्र में हालात को ऐसा बताया गया है, जैसे कोई डूबता हुआ देश आखिरी बार किसी को मदद के लिए बुला रहा हो। बुरफत ने पत्र में लिखा है, 'पूरी शांति की भावना के साथ, मैं सिंध के लोगों की ओर से यह भावुक अपील भेज रहा हूं। यह एक प्राचीन सभ्यता है, जो आज पाकिस्तान की सेना, उसके चरमपंथी समूहों और उसकी आधुनिक राज्य व्यवस्था के खिलाफ खड़ी है।'


उन्होने लिखा, 'यह सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं है। यह चेतावनी है। यह अलार्म है। यह उस राष्ट्र की आवाज है जो चरमपंथी, दमनकारी और अस्थिर देश में अपनी जिंदगी बचाने की लड़ाई लड़ रहा है।'

 

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'मोदी ही बचा सकते हैं हमारे लोगों को...'

बुरफत ने साफ शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व लाखों निर्दोष लोगों की जान बचा सकता है। उन्होंने कहा कि सिंधी लोग पाकिस्तान के कब्जे को स्वीकार नहीं करते। सिंधी खुद को मोहनजोदड़ो की सभ्यता के वंशज बताते हुए कहते हैं कि वे सम्मान और आजादी चाहते हैं। बुरफत ने कहा कि सिंधी एक ऐसे कट्टर और सैन्य देश से आजादी चाहते हैं, जो न सिर्फ उन्हें दबाता है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है।


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