logo

ट्रेंडिंग:

न्यूक्लियर रिएक्टर्स को लेकर PM मोदी और ट्रंप में क्या डील हुई?

अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच न्यूक्लियर रिएक्टर्स को लेकर एक अहम डील हुई है। अब भारत में अमेरिका न्यूक्लियर रिएक्टर बनाएगा।

pm modi and donald trump

पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप। (Photo Credit: PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सिविल न्यूक्लियर एनर्जी में सहयोग बढ़ाने को लेकर भी बातचीत हुई। व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में अमेरिकी डिजाइन वाले परमाणु रिएक्टरों के निर्माण की सुविधा को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।


प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा, 'अमेरिका के परमाणु उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। अमेरिकी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी को भारतीय बाजार में जगह देने के लिए भारत नियमों में सुधार ला रहा है।' 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने परमाणु ऊर्जा अधिनियम में संशोधन करने की घोषणा की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घोषणा का स्वागत किया है।


2008 में भारत-अमेरिका के बीच हुए परमाणु समझौते के बाद ये पहली बार है जब दोनों देशों ने इस दिशा में तेजी से आगे काम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। 

 

यह भी पढ़ें-- कितना ताकतवर है F-35 फाइटर जेट, जिसे भारत को बेचने पर तैयार हुए ट्रंप

क्यों अहम है ये डील?

भारत और अमेरिका के बीच 2008 में असैन्य परमाणु समझौता हुआ था। हालांकि, उसके बाद से इस समझौते पर काम आगे नहीं बढ़ सका। अब 16 साल बाद मोदी और ट्रंप की मुलाकात में अमेरिकी रिएक्टरों को लेकर बात हुई है। 


रूस पहले ही तमिलनाडु के कुडनकुलम में परमाणु रिएक्टरों पर काम कर रहा है। अब अमेरिका भी भारत में इस पर काम करेगा। बताया जा रहा है कि अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक भारत को AP 1000 न्यूक्लियर रिएक्टर बेचने के लिए बातचीत कर रही है। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के कोव्वाडा में वेस्टिंगहाउस 1000 मेगावॉट के 6 परमाणु रिएक्टर बनाने के प्रोजेक्ट पर चर्चा कर रही है।

 

यह भी पढ़ें-- डोनाल्ड ट्रम्प और पीएम मोदी की मुलाकात, क्या हुई बातचीत? समझिए

क्या है प्लान?

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा के बारे में बताते हुए विदेश विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत में अमेरिकी डिजाइन वाले परमाणु रिएक्टरों का निर्माण करने के लिए एक समझौता हुआ है। उन्होंने बताया कि दोनों देश कुछ समय से छोटे मॉड्यूलप रिएक्टरों में सहयोग पर चर्चा कर रहे हैं। कुछ कानूनी प्रावधानों के कारण इसमें जो बाधाएं थीं, उन्हें दूर कर लिया गया है।

किन कानूनों में होगा संशोधन?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में परमाणु ऊर्जा से जुड़े दो कानूनों में संशोधन का ऐलान किया था। उन्होंने बताया था कि एटोमिक एनर्जी एक्ट और सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट के प्रावधानों में संशोधन किया जाएगा।

 

यह भी पढ़ें: कभी खट्टे-कभी मीठे... कहानी भारत और अमेरिका के रिश्तों की

क्यों जरूरी है परमाणु रिएक्टर?

परमाणु ऊर्जा के लिए यूरेनियम चाहिए। भारत के पास यूरेनियम नहीं हैं। 2008 में जब भारत और अमेरिका के बीच समझौता हुआ था, तो उसमें तय हुआ था कि परमाणु ऊर्जा के लिए यूरेनियम उपलब्ध करवाया जाएगा। हालांकि, इस पर कोई बात आगे नहीं बढ़ सकी। परमाणु रिएक्टर्स से बिजली पैदा करने में कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है। यही कारण है कि अब दुनिया के विकसित देश जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए परमाणु रिएक्टर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap