प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ही महीनों में रूस का दौरा कर सकते हैं। रूस की समाचार एजेंसी TASS ने बताया है कि प्रधानमंत्री मोदी 9 मई को रूस आ सकते हैं। TASS ने बताया कि पीएम मोदी 9 मई को मॉस्को के रेड स्क्वायर पर होने वाली परेड में भाग लेने के लिए रूस आ सकते हैं।
बताया ये भी जा रहा है कि रेड स्क्वायर पर होने वाले विक्ट्री परेड में भारतीय सेना की एक यूनिट भी शामिल हो सकती है। इसके लिए भारतीय सेना के जवान कम से कम एक महीने पहले रूस पहुंच सकते हैं। TASS ने बताया कि विक्ट्री परेड में भारतीय सेना के शामिल होने पर बातचीत चल रही है।
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कई देशों के राष्ट्रप्रमुख होंगे शामिल?
इससे पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि विक्ट्री परेड की 80वीं सालगिरह में कई देश शामिल होने वाले हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने बताया कि 9 मई को होने वाले जश्न में भाग लेने के लिए कई देशों के नेताओं को मॉस्को आने का न्योता दिया जाएगा।
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रूस के लिए क्यों खास है 9 मई?
रूस हर साल 9 मई को मॉस्को के रेड स्क्वायर पर 'विक्ट्री परेड' का आयोजन करता है। 9 मई इसलिए क्योंकि 1945 में इसी दिन हिटलर की नाजी सेना ने सरेंडर किया था।
दरअसल, दूसरा विश्व युद्ध जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने शुरू किया था। हिटलर को रोकने के लिए अमेरिका और सोवियत संघ की सेना एक साथ आ गई थीं। अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ की सेना ने हिटलर की सेनाओं को घुटने पर ला दिया था। सेना ने हिटलर को भी चारों तरफ से घेर लिया था। चारों ओर से घिरने के बाद जब हिटलर के पास कोई रास्ता नहीं बचा तो उसने 30 अप्रैल 1945 को अपने बंकर में आत्महत्या कर ली थी।
हिटलर की आत्महत्या के बाद 8 मई को जर्मनी की सेना ने सरेंडर कर दिया था। नाजी सेना जब सरेंडर की शर्तों पर हस्ताक्षर कर रही थी, तब जर्मनी में 8 मई थी लेकिन रूस में 9 मई की तारीख लग गई थी। इसलिए तब से ही हर साल 9 मई को विक्ट्री परेड का आयोजन किया जाता है।
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पीएम मोदी और पुतिन की दोस्ती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अच्छी दोस्ती है। दोनों ही नेता कई मौकों पर एक-दूसरे को 'अच्छा दोस्त' बता चुके हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी कई बार रूस की यात्रा कर चुके हैं। पुतिन भी कई बार भारत आ चुके हैं।
राष्ट्रपति पुतिन के न्योते पर पीएम मोदी पिछले साल अक्टूबर में रूस गए थे। तब पीएम मोदी रूस के कजान शहर में हुई ब्रिक्स समिट में शामिल होने के लिए गए थे। इससे पहले 8 जुलाई को भी पीएम मोदी ने रूस की यात्रा की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को गले भी लगाया था।
पिछले साल जुलाई में रूस दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा था कि 'भारत न्यूट्रल देश नहीं है, हम शांति के पक्षधर हैं।' खुद राष्ट्रपति पुतिन भी कह चुके हैं कि रूस-यूक्रेन जंग में पीएम मोदी 'पीसमेकर' की भूमिका निभा सकते हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पीएम मोदी को 'अच्छा नेगोशिएटर' बताया था।