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यूक्रेन से युद्ध के बीच पुतिन अचानक भारत क्यों आ रहे?

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि पिछले साल एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने रूस की यात्रा की थी और अब ‘हमारी बारी है’।

व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी । Photo Credit: PTI

व्लादिमीर पुतिन और नरेंद्र मोदी । Photo Credit: PTI

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठापटक के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत का दौरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्योता स्वीकार कर लिया है और इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं।

 

रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (आरआईएसी) द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा, 'पुतिन के भारत दौरे के लिए फिलहाल तैयारियां की जा रही हैं।' इस आयोजन का विषय है: 'रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर'। 

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यात्रा की तारीख तय नहीं

रूसी विदेश मंत्री ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘टीएएसएस’ के हवाले से कहा, 'राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत सरकार के प्रमुख के दिल्ली दौरे का न्योता स्वीकार कर लिया है। रूसी राष्ट्रपति की भारत की यात्रा की फिलहाल तैयारी की जा रही है।'

 

लावरोव ने कहा कि पिछले साल फिर से चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सबसे पहली विदेश यात्रा रूस की थी। उन्होंने कहा, 'अब हमारी बारी है।' हालांकि, यात्रा की तारीखों का अभी खुलासा नहीं किया गया है।

 

क्या बोले विदेश मंत्री

इस बीच भारत के विदेश मंत्री जयशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाना एक साझा विदेश नीति प्राथमिकता बनी हुई है. उन्होंने कहा कि  ऊर्जा, रक्षा और असैन्य-परमाणु सहयोग जैसे क्षेत्र पारंपरिक रूप से हमारी प्राथमिकता रहे हैं। व्यापार, प्रौद्योगिकी, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, कनेक्टिविटी और डिजिटल अर्थव्यवस्था सहयोग के नए बिंदु के रूप में उभर रहे हैं। भारत और रूस ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है...

 

 

पीएम मोदी गए थे रूस

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2024 में रूस की यात्रा की थी, जो लगभग पांच वर्षों में उनकी पहली रूस यात्रा थी। इससे पहले, उन्होंने 2019 में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था। 

 

पिछली यात्रा के दौरान मोदी ने पुतिन को भारत आने का आमंत्रण दिया था। लावरोव ने 24 मार्च को कहा कि रूस, भारत के साथ ‘विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ विकसित कर रहा है। लावरोव ने एक कार्यक्रम में कहा कि रूस अब चीन, भारत, ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों और स्वतंत्र देशों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) के साथ सक्रिय रूप से संबंधों का विस्तार कर रहा है।

 

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चीन और भारत हैं खास

शीर्ष रूसी राजनयिक ने कहा, 'पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग के संबंध आपसी विश्वास के अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच चुके हैं। भारत के साथ विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी विकसित हो रही है।' 

 

पुतिन ने जनवरी में भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को भेजे गए अपने बधाई संदेश में कहा था कि रूस-भारत संबंध ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ पर आधारित हैं।

 

पुतिन और मोदी नियमित संपर्क बनाए रखते हैं तथा औसतन हर दो महीने में एक बार टेलीफोन पर बातचीत करते हैं।

 

9 मई को मोदी जाएंगे रूस

खबरों के मुताबिक पीएम मोदी 9 मई को मॉस्को में ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर में विजय की 80वीं वर्षगांठ मनाने के लिए रूस का दौरा कर सकते हैं। 

 

सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि, 'रेड स्क्वॉयर पर होने वाली परेड में भारतीय सशस्त्र बलों की एक औपचारिक इकाई की भागीदारी के मुद्दे पर भी काम किया जा रहा है, जिसे रिहर्सल के लिए परेड से कम से कम एक महीने रूस पहुंच सकती है।'

 

अचानक क्यों?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस यात्रा के दौरान यूक्रेन-रूस युद्ध के बारे में बात हो सकती है। साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से जिस तरह से वैश्विक परिदृश्य में बदलाव आया है उस पर भी चर्चा हो सकती है।

 

बता दें कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर रूस के विरुद्ध वोट करने से बचता रहा है। साथ ही इससे पहले पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि मामले को बातचीत से सुलझाना चाहिए।

 

2021 में आए थे पुतिन

इसके पुतिन ने 6 दिसंबर 2021 को भारत की यात्रा की थी। हालांकि, उस वक्त वह काफी कम समय के लिए ही रुके थे और इस दौरान करीब 28 समझौतों पर दस्तखत हुए थे।

 

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क्या पुतिन बीमार हैं?

इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलिंस्की ने कहा कि पुतिन बहुत जल्द मरने वाले हैं। यह दावा उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ बैठक के बाद एक इंटरव्यू में कही। जेलेंस्की ने दावा करते हुए कहा, 'पुतिन जल्द ही मर जाएंगे' और इससे दोनों देशों की जंग भी खत्म हो जाएगी।

 

जेलेंस्की ने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब पुतिन की हेल्थ को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

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