चीन में चल रही 25वीं शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठक में मंगलवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी का जवाब दिया। ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि अगर रूस 50 दिनों के अंदर यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए कोई समझौता नहीं करता, तो अमेरिका रूस पर 100% तक के भारी 'सेकेंडरी टैरिफ' (दूसरे स्तर के शुल्क) लगाएगा।
लावरोव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हम यह समझना चाहते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति का इरादा क्या है। मुझे कोई शक नहीं कि हम नए प्रतिबंधों का सामना कर लेंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि रूस इन प्रतिबंधों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। ट्रंप ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में कहा था, 'मैं यह नहीं कह रहा कि वह हत्यारे हैं, लेकिन वह एक सख्त इंसान हैं।' ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर रूस समझौता नहीं करता, तो अमेरिका सख्त कदम उठाएगा। रॉयटर्स के अनुसार, अमेरिका का दावा है कि यूक्रेन युद्ध में अब तक 12 लाख लोग घायल हुए या मारे गए हैं। हालांकि, रूस और यूक्रेन ने अपने नुकसान के पूरे आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
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रूस ने दी प्रतिक्रिया
रूस के अन्य अधिकारियों ने भी ट्रंप की धमकी को खारिज किया। रूस के उप विदेश मंत्री रयाबकोव ने कहा, 'हमारे लिए कोई भी मांग, खासकर अल्टीमेटम, स्वीकार्य नहीं है।' वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि ट्रंप की टिप्पणियां राष्ट्रपति पुतिन को 'निजी तौर पर' प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहा, 'हमें वाशिंगटन की बयानबाजी को समझने के लिए समय चाहिए।'
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए रूस को 50 दिन का समय दिया और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो रूस को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। रूस ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वह किसी भी दबाव में नहीं आएगा।
पहले भी हो चुकी है वार्ता
रूस और यूक्रेन के बीच तुर्की में हुई दो पिछली शांति वार्ताओं में कोई खास प्रगति नहीं हो सकी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बार-बार युद्धविराम की मांग को ठुकराया है।
हाल ही में रूसी सेनाओं ने यूक्रेन के खिलाफ काफी संख्या में ड्रोन और मिसाइलें तैनात की हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई नागरिक हताहत हुए हैं।
कीव को उसका सकता है
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, 'हमने अपनी तैयारी कर रखी है।' उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान कीव को उकसा सकता है और शांति प्रयासों में बाधा डाल सकता है। पेसकोव ने कहा, 'ऐसा लगता है कि वॉशिंगटन, नाटो देशों और ब्रुसेल्स में लिया गया यह फैसला कीव द्वारा शांति के संकेत के रूप में नहीं, बल्कि युद्ध को जारी रखने के लिए लिया जाएगा।'
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यूक्रेन ने रूस के मौजूदा प्रतिनिधिमंडल के साथ आगे की वार्ता को 'निरर्थक' बताया है। यूक्रेन का कहना है कि रूसी प्रतिनिधियों के पास समझौता करने का कोई अधिकार नहीं है और उन्होंने पिछली बैठकों में ऐसी मांगें रखी हैं जो कि स्वीकार नहीं की जा सकती हैं।