विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में शामिल होने के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है। कुछ खबरों में दावा किया गया था कि रूस, धोखे से भारतीयों को रूसी सेना में शामिल कर रहा है और यूक्रेन के खिलाफ जंग में उन्हें उतार दे रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि हमें हाल ही में भारतीय नागरिकों के रूसी सेना में भर्ती होने की खबरें मिली हैं।
सरकार ने बीते एक साल में कई बार इस तरह कदम के जोखिमों और खतरे के बारे में आगाह किया है। भारतीय नागरिकों को सरकार ने साफ निर्देश दिया है कि किसी भी तरह के जंग में भारतीय शामिल न हों। पूर्वी यूक्रेन के डोनेस्क इलाके में दो भारतीय मजदूरों को मजदूरों के बहाने नौकरी का ऑफर दिया गया, फिर उन्हें जंग के लिए भेज दिया गया।
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रणधीर जायसवाल, प्रवक्ता, विदेश मंत्रालय:-
हम एक बार फिर भारतीय नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि वे रूसी सेना में भर्ती के किसी भी प्रस्ताव से बचें, क्योंकि यह रास्ता खतरों से भरा है।
सेलिडोव में फंसे हैं कई हिंदुस्तानी
रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में भी हैं।' द हिंदू की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये मजदूर सेलिडोव शहर में फंसे हुए हैं। सेलिडोव शहर से उन्होंने द हिंदू को फोन पर कॉल किया और बताया कि कम से कम 13 अन्य भारतीय भी ऐसी ही परिस्थितियों में फंसे हैं। यह शहर नवंबर 2024 से ही रूस के कब्जे में है।
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विजिटर वीजा पर रूस गए, 'सैनिक' बना दिए गए
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बीते छह महीनों में स्टूडेंट या विजिटर वीजा पर रूस गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एक एजेंट ने उन्हें कंस्ट्रक्शन सेक्टर में नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन इसकी जगह उन्हें यूक्रेन के खिलाफ जंग में उतार दिया। विदेश मंत्रालय ने इस मामले को दिल्ली और मॉस्को में रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत की है। भारत ने कहा कि भारतीयों को तत्काल वहां से रिहा किया जाए।
'रूस की सेना में शामिल न हों हिंदुस्तानी'
विदेश मंत्रालय ने भारतीयों से रूसी सेना में भर्ती होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने की अपील की। भारत में ऐसी खबरें कई बार आ चुकीं हैं कि भारतीय नागरिकों को जबरन रूस की सेना में शामिल किया गया है। 24 फरवरी 2022 को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला था, तब से लेकर अब तक, जंग थमी नहीं है। इस जंग में 2 लाख से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं।