दोपहर ठीक 11 बजकर 52 मिनट पर सर्बिया की सड़कें 15 मिनट के लिए थम जाती है। यहां की सड़कों पर गाड़ियों का आना-जाना महज 15 मिनट के लिए रुक जाता है। दरअसल, यह इस देश के लोगों का विरोध प्रदर्शन करने का एक अनोखा तरीका है। आखिर क्यों इस देश में लोग रोजाना इसी समय पर 15 मिनट के लिए थम जाते है? आइये जान लें....
तो इसलिए हो रहा ऐसा विरोध प्रदर्शन
नवंबर के महीने में सर्बिया के दूसरे सबसे बड़े शहर नोवी साद के रेलवे स्टेशन की छत गिरने से बड़ी दुर्घटना हुई थी। इस हादसे में 15 लोगों की जान चली गई थी। यह हादसा देश के स्थानीय समयानुसार दोपहर 11 बजकर 52 मिनट पर हुआ था। अब लोग विरोध प्रदर्शन के रूप में ठीक इसी समय पर रोजाना 15 मिनट के लिए अपनी गाड़ियां बंद कर देते है। इस दुर्घटना के बाद से अब तक इस मामले में सर्बिया के पूर्व निर्माण मंत्री समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मंत्री ने दिया इस्तीफा
भले ही मंत्री ने इस घटना के बाद इस्तीफा दे दिया लेकिन वो कभी भी इस हादसे के लिए खुद को दोषी नहीं मानते हैं। हालांकि, इस घटना के बाद से सर्बिया के लोगों में आक्रोश भरा हुआ है और तभी से यह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे है।
ऐसे बढ़ा विरोध प्रदर्शन
पहले यह प्रदर्शन बेलग्रेड यूनीवर्सिटी के छात्रों तक ही सीमित था लेकिन धीरे-धीरे यह प्रदर्शन 50 से अधिक यूनीवर्सिटी फैकल्टी तक फैल गया। इसके अलावा स्कूलों में भी प्रदर्शन होने लगे। बीते रविवार हजारों लोगों ने बेलग्रेड की सड़कों पर प्रदर्शन किया। हाथों में मोबाइल का फ्लैश लाइट जलाकर हाजरों लोग 15 मिनट तक हादसे में मारे गए लोगों की याद मौन रहे।
15 मिनट का विरोध प्रदर्शन
इस 15 मिनट के प्रदर्शन में न केवल छात्र बल्कि किसान, स्वास्थ्यकर्मी, कलाकार, बेलेग्रेड के लोग और सर्बिया के दूसरे शहरों के लोग एकत्र हुए। इस दौरान लोगों ने 'हम सब एक ही कैनोपी के अंदर हैं।' का बैनर लहराया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि रेलवे स्टेशन के निर्माण में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार हुआ है। दरअसल, हाल के वर्षों में इसकी दो बार मरम्मत की जा चुकी थी। इसका जिम्मा चीन की सरकारी कंपनियों को सौंपा गया था।
'भ्रष्टाचार ने ली जान' के नारे और हाथों में लाल रंग
हाथों पर लाल रंग से सना दस्ताना पहने प्रदर्शनकारी करप्शन किल्स यानी 'भ्रष्टाचार ने ली जान' जैसे नारे लगा रहे है। सर्बिया के प्रधानमंत्री समेत नोवी साद के मेयर के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी विरोध प्रदर्शन से पीछे नहीं हट रहे।