कई पश्चिमी देशों ने अचानक से फिलिस्तीन को देश की मान्यता दे दी है। इस पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भड़क गए हैं। बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान जारी करके कहा है कि फिलिस्तीन कोई देश नहीं है। उन्होंने फिलिस्तीन को देश की मान्यता देने वाले देशों से कहा है कि वे आतंकवाद को पुरस्कार दे रहे हैं। नेतन्याहू ने कहा है कि वह अमेरिका से लौटने के बाद इसका जवाब देंगे। इजरायल के लिए हैरानी की बात है कि उसके मजबूत सहयोगी रहे ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने ही फिलिस्तीन को देश की मान्यता देने की घोषणा कर दी है। इन देशों ने गाजा पर जारी इजरायली हमले के चलते यह फैसला किया है।
लंबे समय से गाजा पर इजरायल के हमले जारी हैं। इजरायल का कहना है कि हमास का खात्मा होने तक वह गाजा पर हमले जारी रखेगा। अब तक के इजरायली हमलों में हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं। पश्चिम के कई देश अब इजरायल पर दबाव बना रहे हैं कि वह हमले रोक दे।
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वहीं, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद फ्रांस भी फिलिस्तीन को मान्यता दे सकता है। यहां यह जानना जरूरी है कि अभी तक दुनिया के 140 से ज्यादा देश ऐसे हैं जिन्होंने फिलिस्तीन को देश की मान्यता दी है जबकि इजरायल इसे कोई देश नहीं मानता है। बताते चलें कि भारत उन देशों में था जिन्होंने शुरुआत में ही फिलिस्तीन को देश माना था। भारत ने साल 1988 में ही फिलिस्तीन को देश मान लिया था। इसके बावजूद भारत के संबंध इजरायल से भी अच्छे बने रहे हैं।
क्या बोले बेंजामिन नेतन्याहू?
नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा है, 'जो नेता 7 अक्तूबर के नरसंहार की घटना के बावजूद फिलिस्तीन को देश की मान्यता दे रहे हैं, उनके लिए मेरा साफ संदेश है कि आप आतंकवाद को बहुत बड़ा इनाम दे रहे हैं। आपके लिए मेरा एक और संदेश है कि ऐसा कभी नहीं होने वाला है। जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलिस्तीन देश नहीं होगा। कई साल से भारी वैश्विक और स्थानीय दबाव के बावजूद मैंने एक आतंकवादी देश बनने से रोका है। हमने यह काम बेहद समर्पण और स्टेटमैनशिप के साथ किया है। हमने जूडिया और समारिया में यहूदी बसावट को दोगुना किया है और हम इसी रास्ते पर आगे बढ़ते रहेंगे।'
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उन्होंने आगे कहा है, 'हम पर एक आतंकवादी देश थोपने की इस हालिया कोशिश का जवाब मेरे अमेरिका से लौटने से बाद दिया जाएगा।'