अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आते ही कई चौंकाने वाले फैसले लिए। उनके शपथ के बाद सबसे अहम मुद्दा चर्चा में प्रवासियों से जुड़ा रहा। इस मुद्दे पर ट्रंप काफी सख्त बने हुए हैं। इसी बीच अब अमेरिकी प्रतिनिध सभा ने लैकेन रिले एक्ट को मंजूदी दे दी है। गुरुवार को लैकेन रिले पर ट्रंप ने हस्ताक्षर कर दिए है जिसके साथ ही यह एक कानून बन चुका है। ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला ऐसा कानून है जिस पर ट्रंप ने हस्ताक्षर किए हैं। इस एक्ट को 263 मतों से पारित किया गया।
बता दें कि यह कानून अवैध प्रवासियों पर कठोर नियम लगाएगा जिसका सीधा असर भारतीय प्रवासियों पर पड़ सकता है। दरअसल, लैकेन रिले एक नर्सिंग छात्रा थी जिसका 2023 में एक अवैध अप्रवासी ने हत्या कर दी थी, उसी के नाम पर यह कानून बनाया गया है। Laken Riley Law (लैकेन रिले कानून) एक आप्रवासन कानून है, जिसका उद्देश्य अवैध अप्रवासियों द्वारा किए गए अपराधों को रोकना और सख्त प्रवासन नीति लागू करना है।
इस कानून का उद्देश्य क्या?
- अवैध रूप से अमेरिका में घुसने वाले लोगों की निगरानी और कार्रवाई को मजबूत करना।
- अवैध अप्रवासियों द्वारा किए गए अपराधों पर कड़ी सजा सुनाना।
- आप्रवासन प्रवर्तन एजेंसियों (ICE, Border Patrol) को अधिक अधिकार देना।
यह भी पढ़ें: अमेरिका के प्लेन क्रैश में सभी 67 लोगों की मौत, फायर चीफ ने की पुष्टि
लैकेन रिले कौन थीं और इस कानून का नाम उनके नाम पर क्यों रखा गया?
दरअसल, लैकेन रिले 21 वर्षीय अमेरिकी छात्रा थीं, जिसकी हत्या 1 फरवरी 2024 को जॉर्जिया विश्वविद्यालय के पास कर दी गई थी। इस घटना में हत्या का आरोपी जोसेलिन लोयोला-कोर्डोवा नाम का एक अवैध अप्रवासी था, जो वेनेजुएला से अवैध रूप से अमेरिका में घुसा था। इस घटना के बाद, अमेरिका में अवैध प्रवासन के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग बढ़ गई, जिसके चलते यह कानून प्रस्तावित किया गया।
इस कानून से प्रवासियों पर कितना होगा असर?
- अवैध प्रवासियों पर सख्ती – अब कानून पास हो गया है जिसके तहत अवैध अप्रवासियों पर निगरानी और कार्रवाई और बढ़ जाएगी।
- क्रिमिनल बैकग्राउंड चेक सख्त होगा – किसी भी अप्रवासी को अमेरिका में एंट्री देने से पहले उसकी अपराधिक रिकॉर्ड चेक किया जाएगा।
- अवैध अप्रवासियों को पकड़कर डिपोर्ट किया जाएगा – जो लोग बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में रह रहे हैं, उन पर निर्वासन (deportation) की प्रक्रिया तेज होगी।
- स्थानीय पुलिस को अधिक अधिकार – पुलिस को अवैध अप्रवासियों को पकड़ने और पूछताछ करने के लिए अधिक कानूनी पावर मिल जाएगी।
इस कानून को लेकर क्यों हुआ विवाद?
दरअसल, कई मानवाधिकार संगठनों और अप्रवासी अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कानून का विरोध किया है, क्योंकि उनका मानना है कि यह सभी अप्रवासियों को अपराधी मानने जैसा होगा। हालांकि, इस कानून को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी के बीच मतभेद बढ़ने के बावजूद यह कानून दोनों दलों के समर्थन से पारित हुआ है, जो यह दर्शाता है कि अमेरिका में अवैध अप्रवासन गंभीर मुद्दा बना हुआ है।
इस खतरनाक जेल में रखा जाएगा
ट्रंप सरकार अपराधी अवैध अप्रवासियों को क्यूबा के पास ग्वांतानामो-बे जेल भेजने का प्लान बना रही है। बता दें कि यहां 30 हजार बेड तैयार करने के आदेश दिए गए हैं। दुनिया की सबसे खतरनाक जेल में अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं।
लैकेन रिले अधिनियम पर हस्ताक्षर करने के साथ ही अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के अनुसार, अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले और आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को हिरासत में लिया जाएगा और उन्हें ग्वांतानामो बे जैसी उच्च-सुरक्षा वाली जेलों में भेजा जा सकता है।
ग्वांतानामो बे, क्यूबा में स्थित एक अमेरिकी सैन्य अड्डा है, जिसे दुनिया की सबसे खतरनाक जेलों में से एक माना जाता है। यहां आतंकवाद के आरोपियों को रखा जाता है और इस जेल में अमानवीय यातनाओं की खबरें भी सामने आती रही हैं। इस कदम का उद्देश्य अवैध अप्रवासियों द्वारा किए जाने वाले अपराधों को रोकना और देश की सुरक्षा को मजबूत करना है। हालांकि, इस निर्णय को लेकर मानवाधिकार संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में बहस जारी है।