अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसे लेकर उन्होंने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर दिए हैं। ट्रंप ने ये प्रतिबंध इजरायल और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जांच शुरू करने के विरोध में लगाए हैं। ट्रंप ने इस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर ऐसे समय साइन किए हैं, जब इजरायली पीएम नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं।
दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका और इजरायल, दोनों ही ICC को मान्यता नहीं देते हैं। हमास के हमले के खिलाफ इजरायल के हमले को ICC ने वॉर क्राइम माना था और इसे लेकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया था।
ट्रंप के आदेश में क्या?
ट्रंप के साइन किए हुए एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में ICC पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका और उसके करीबी सहयोगी इजरायल पर आधारहीन कार्रवाई की गई और नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ जबरन अरेस्ट वारंट जारी कर ICC ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। इस आदेश में ये भी कहा गया है कि ICC का अमेरिका और इजरायल पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है।
प्रतिबंध लगने का मतलब क्या?
ट्रंप के साइन करने के बाद ICC पर प्रतिबंध लग गए हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अमेरिका में मौजूद ICC से जुड़े अधिकारियों और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच की जाएगी। ICC के अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों को अमेरिका में एंट्री भी नहीं मिलेगी।
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एक्सपर्ट्स ने उठाए सवाल
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस फैसले पर जानकारों ने सवाल भी उठाए हैं। संयुक्त राष्ट्र से जुड़े स्टाफ अटॉर्नी चार्ली होगल ने कहा, 'दुनियाभर में मानवाधिकारों के हनन के शिकार लोग तब ICC का रुख करते हैं, जब उनके पास कोई और रास्ता नहीं होता। राष्ट्रपति ट्रंप के इस आदेश से इन लोगों के लिए इंसाफ पाना मुश्किल हो जाएगा।'
ह्यूमन राइट्स वॉच की वॉशिंगटन डायरेक्टर सारा यागर ने कहा, 'आप किसी अदालत या उसके काम करने के तरीके से असहमत हो सकते हैं लेकिन ये सीमा से परे है।'
ICC का सदस्य नहीं है अमेरिका
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) के 124 देश सदस्य हैं। हालांकि, अमेरिका और इजरायल इसके सदस्य नहीं हैं। ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी ICC के चीफ प्रॉसिक्यूटर फतौ बेनसौदा पर प्रतिबंध लगा दिया था। बेनसौदा अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के कथित वॉर क्राइम की जांच कर रहे थे। हालांकि, जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद इस प्रतिबंध को हटा दिया गया था। 2023 में जब ICC के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ जांच शुरू की थी तो अमेरिका ने भी इसमें सहयोग किया था।
नवंबर में जारी हुआ था नेतन्याहू का अरेस्ट वारंट
गाजा में इजरायली बमबारी में हजारों बच्चों और महिलाओं के मारे जाने पर इजरायल पर वॉर क्राइम का आरोप लगा था। इसे लेकर पिछले साल नवंबर में ICC ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। इनके अलावा, ICC ने हमास कमांडर के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।