logo

ट्रेंडिंग:

अमेरिका का दावा- ब्लैक सी में हुआ सीजफायर, लेकिन रूस ने रख दी शर्त

व्हाइट हाउस ने दावा किया है कि ब्लैक सी में रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसे बड़ा कदम बताया है। हालांकि, रूस ने कुछ शर्तें भी रख दी हैं।

putin and zelensky

जेलेंस्की और पुतिन। (File Photo Credit: X)

रूस और यूक्रेन ब्लैक सी यानी काला सागर में सीजफायर करने पर राजी हो गए हैं। अमेरिका ने इसकी जानकारी दी है। अमेरिका ने बताया है कि रूस और यूक्रेन के बीच ब्लैक सी में जहाजों की आवाजाही और सैन्य हमले रोकने पर सहमति बन गई है। इसे रूस और यूक्रेन की जंग में अहम मोड़ माना जा रहा है। 


अमेरिका का कहना है कि इससे 'स्थायी शांति' का रास्ता खुलने की उम्मीद है। अमेरिका ने बताया है कि पहले ही दोनों देश एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर हमले न करने पर सहमत हो चुके हैं। हालांकि, रूस का कहना है कि ब्लैक सी में सीजफायर तभी लागू होगा, जब उसके खाद्य और उर्वरक के कारोबार पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाया जाएगा।


बताया जा रहा है कि ब्लैक सी में सीजफायर को लेकर अमेरिका ने रूस और यूक्रेन के साथ अलग-अलग समझौते किए हैं। कुछ दिन पहले ही सऊदी अरब में तीनों के बीच एक अहम बैठक भी हुई थी।

 

यह भी पढ़ें-- भारत से अमेरिका तक, मुस्लिम मुल्क कतर इतना 'पावरफुल मीडिएटर' कैसे बना?

क्या बोले जेलेंस्की?

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति के बनने के बाद रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर को लेकर बातचीत तेज हो गई है। अमेरिका की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन के बीच समझौते के लिए सऊदी अरब में कई दिनों से बैठकें जारी हैं। 


बताया जा रहा है कि सऊदी अरब के रियाद में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने रूस और यूक्रेन के अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं। इन्हीं बैठकों में ब्लैक सी में सीजफायर पर सहमति बनी। हालांकि, अब तक रूस और यूक्रेन के अधिकारी एक टेबल पर नहीं आए हैं।


यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ब्लैक सी में सीजफायर के समझौते को सही दिशा में उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा, 'यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि यह काम करेगा लेकिन यह सही फैसला और सही कदम है।' जेलेंस्की ने कहा, 'अब कोई भी यूक्रेन पर स्थायी शांति की दिशा में आगे नहीं बढ़ने का आरोप नहीं लगा सकता है।'


दरअसल, जेलेंस्की का निशाना ट्रंप पर था। पिछले महीने व्हाइट हाउस में बैठक के बाद ट्रंप ने आरोप लगाया था कि जेलेंस्की शांति नहीं चाहते हैं।

 

यह भी पढ़ें-- इजरायल को धमकी, अमेरिका से टक्कर; कितना ताकतवर है हूती?

लेकिन रूस ने रख दी शर्त!

अमेरिका ने भले ही ब्लैक सी में सीजफायर होने का दावा किया हो। मगर रूस ने साफ कर दिया है कि ब्लैक सी में सीजफायर तब तक लागू नहीं होगा, जब तक प्रतिबंध नहीं हटाए जाते।


अमेरिका के ऐलान के कुछ देर बाद रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा, ब्लैक सी में सीजफायर तब तक लागू नहीं होगा जब तक अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और उर्वरक व्यापार में शामिल रूसी बैंकों, उत्पादकों और निर्यातकों से प्रतिबंध हटा नहीं लिए जाते। बताया जा रहा है कि रूस ने SWIFT बैंकिंग सिस्टम में फिर से जोड़ने और कृषि-खाद्य से जुड़े सामानों की आपूर्ति से प्रतिबंध हटाने की शर्त भी रखी है।

 

व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर बताया है कि अमेरिका कृषि और उर्वरक निर्यात के लिए वैश्विक बाजार में रूस की पहुंच बहाल करने में मदद करेगा।

 

यह भी पढ़ें-- हूती विद्रोहियों पर हमला करेगा अमेरिका? ट्रंप का वॉर प्लान हुआ लीक!

बनते-बनते बिगड़ न जाए बात?

अब ऐसे में डर है कि कहीं बात बनते-बनते न बिगड़ जाए। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कीव में कहा, 'अगर रूस मुकरता है तो हम उस पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाने और अमेरिका से और सैन्य सहायता देने की मांग करेंगे।'


यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने कहा कि 'तीसरा पक्ष' इस समझौते के कुछ हिस्सों को तय कर सकता है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, 'ब्लैक सी के पूर्वी भाग से आगे रूस के जंगी जहाजों की आवाजाही को न सिर्फ समझौते का उल्लंघन माना जाएगा, बल्कि इसे यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के तौर पर भी दे जाएगा। ऐसी स्थिति में यूक्रेन के पास अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार होगा।'

ब्लैक सी में सीजफायर क्यों जरूरी?

ब्लैक सी में सीजफायर होना इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह बड़ा कारोबारी रास्ता है। रूस और यूक्रेन, दोनों ही अनाज के बड़े निर्यातक हैं। जंग के कारण इस पर असर पड़ा है, जिससे खाने-पीने की कीमतों में उछाल आया है। 


2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद ब्लैक सी में रूस की स्थिति मजबूत हुई है। फरवरी 2022 में जंग शुरू होने के बाद इस रास्ते पर जहाजों की आवाजाही बंद हो गई थी। जुलाई 2022 में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में तुर्की में रूस और यूक्रेन के बीच ब्लैक सी में सीजफायर पर समझौता हुआ था। हालांकि, 2023 में रूस ने उल्लंघन का आरोप लगाते हुए समझौता तोड़ दिया था। इसके बाद यहां स्थिति और बिगड़ गई।


ब्लैक सी में अगर रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर हो जाता है तो इससे जहाजों की आवाजाही फिर से पहले की तरह शुरू हो जाएगी। ऐसा होता है तो अनाज की कीमतों में कमी आ सकती है।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap