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किस कानून के दम पर अवैध प्रवासियों को बाहर निकालेंगे डोनाल्ड ट्रम्प?

डोनाल्ड ट्रम्प का राष्ट्रपति बनना, अमेरिका में रह रहे, एक बड़े तबके लिए खतरे की घंटी है। वे एलियन एनिमी एक्ट 1798 का सहारा लेकर, अवैध प्रवासियों को बाहर करने का दावा कर रहे हैं।

Donald Trump

अवैध प्रवासियों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प सार्वजनिक मंचों से खूब बोलते रहे हैं। (तस्वीर-www.facebook.com/DonaldTrump)

अमेरिका के नए नवेले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का दोबारा राष्ट्रपति चुना जाना, एक बड़े समुदाय के लिए खतरे की घंटी है। डोनाल्ड ट्रम्प के तेवर, अवैध प्रवासियों को लेकर बेहद तल्ख हैं, वे उन्हें अमेरिका की सीमाओं से खदेड़ना चाहते हैं। वजह ये है कि भारत की तरह, वे भी अवैध घुसपैठियों से परेशान हैं। अमेरिका में 1 करोड़ से ज्यादा अवैध प्रवासी हैं। अमेरिका में अवैध प्रवासी मेक्सिको और मध्य अमेरिका के रास्ते आते हैं। करीब 67 फीसदी अवैध अप्रवासी, यहीं से दाखिल होते हैं। अब डोनाल्ड ट्रम्प, 200 से ज्यादा पुराने एक कानून के रास्ते, इन्हें बाहर निकालने की तैयारी में हैं। 

ऐसा नहीं है कि डोनाल्ड ट्रम्प, विदेशियों के खिलाफ हैं या नहीं चाहते हैं कि दुनिया-जहान के लोग उनके देश न आए। NBC न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी अप्रत्याशित जीत के बाद कहा कि वे चाहते हैं कि प्रवासी, वैध रूप से उनके देश में आए, घुसपैठियों के तर्ज पर न आएं। अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश डिपोर्ट करने के फैसले पर डोनाल्ड ट्रम्प का स्पष्ट रूप से यह कहना है कि जब लोग मारे जाते हैं, जब ड्रग के माफिया पनपते हैं तो इसकी कीमत, देश को चुकानी होती है, इसे वे सहन नहीं कर सकते हैं। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि किस नियम-कानून के आधार पर ट्रम्प, इतने बड़े पैमाने पर अवैध प्रवासियों को अपने देश से बाहर निकाल सकते हैं। 

तारीख 19 अक्तूबर 2024। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, कैलिफोर्निया की एक चुनावी रैली में कहते हैं कि मैं अमेरिकी जमीन पर चल रहे अवैध अप्रवासियों के आपराधिक नेटवर्क को खत्म करने के लिए एलियन एनिमी एक्ट 1798 को लागू करूंगा। भीड़, तालियां बजाने लगती है, ट्रम्प-ट्रम्प के नारे लगते हैं। अमेरिका के राष्ट्रवादियों को ट्रम्प के चुनावी वादे में भरोसा होता है और वे चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतते हैं। 

एलियन एनिमी एक्ट है क्या?
एलियन एनिमी एक्ट राष्ट्रपति को यह क्षमता देता है, जिसके जरिए वह गैर नागरिकों को हिरासत में ले सकते हैं, उन्हें किसी दूसरे जगह भेज सकते हैं या निर्वासित कर सकते हैं। राष्ट्रपति, अमेरिका के शत्रु समझने वाले देशों के नागरिकों के खिलाफ ये एक्शन ले सकते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प के तेवर ऐसे नजर आ रहे हैं कि वे इस अधिनियम को मनमाने ढंग से अधिनियमित भी कर सकते हैं। 

यह अधिनियम कहता है, 'जब भी संयुक्त राज्य अमेरिका और किसी विदेशी राष्ट्र या सरकार के बीच घोषित युद्ध होगा, राष्ट्रपति इस युद्ध की सार्वजनिक घोषणा करेंगे तो देश के मूल निवासी, नागरिक, निवासी या शत्रु राष्ट्र या सरकार के विषय, 14 साल या उससे ज्यादा उम्र के पुरुष, जो देश के भीतर होंगे और निरपेक्ष नहीं होंगे तो उन्हें विदेशी दुश्मनों के रूप में गिरफ्तार किया जा सकता है, हिरासत में लिया जा सकता है, कहीं और भेजा जा सकता है या निर्वासित किया जा सकता है।'

अमेरिका में यह कानून, 200 साल पुराना है। साल 1798 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एडम्स ने एलियन एंड सेडीशन एक्ट 1798 पास किया था। तब अमेरिका और फ्रांस के बीच जंग जैसे हालात पैदा हो गए थे। जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर के प्रोफेसर स्टीव व्लेडेक बताते हैं कि अमेरिका में ऐसे वक्त में फ्रांस समर्थकों की बाढ़ आ गई थी। ऐसे हालत पैदा हो गए थे जो इशारा कर रहे थे कि अमेरिका के लोग फ्रांस के पक्ष में हैं। 

Donald Trump
डोनाल्ड ट्रम्प अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान छेड़ने वाले हैं। 

अमेरिकी संसद की ओर से पास इस कानून ने नागरिक अधिकारों की धज्जियां उड़ा दीं। लोगों की आजादी छीनी गई, जिन अमेरिकियों का जन्म विदेश में हुआ था, उन पर भी प्रतिबंध लादे गए। लोगों को बोलने से रोका गया। जब 1800 में राष्ट्रपति थॉमस जेफरसन चुने गए, उन्होंने इस एक्ट को छोड़कर ज्यादातर अधिनियमों को खत्म कर दिया, सिर्फ एलियन एनिमी एक्ट को उन्होंने बरकरार रखा। ऐसा नहीं है कि यह अधिनियम, अमेरिकी इतिहास का एक हिस्साभर है। साल 1918 में इसे संशोधित किया गया और महिलाओं को भी इसके दायरे में रखा गया।

कब-कब इस अधिनियम का हुआ है इस्तेमाल?
अमेरिकी इतिहास में 3 बार इस अधिनियम का इस्तेमाल हुआ है। साल 1812 में ब्रिटेन के नागरिकों पर यह लागू हुआ था। पहले विश्वयुद्ध में राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इसे लागू किया। जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंग्री, बुल्गेरिया और ऑटमान साम्राज्य के लोगों पर इसे लागू किया। जर्मनी के 6000 से ज्यादा नागरिकों को तब हिरासत में लिया था। जर्मनी के 480000 लोगों को दुश्मन के तौर पर चिह्नित किया गया। फ्रैंकलिन रुजवेल्ट ने इसे फिर से लागू किया, जब पर्ल हार्बर पर अटैक हुआ। तब जापानियों के खिलाफ इसे लागू किया गया था। दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति पर 31000 लोगों को इसके दायरे में लाया गया था।   

एक जनसभा के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प।
अमेरिकी राष्ट्रवादियों का एक गुट खुलकर ट्रम्प के समर्थन में था।

क्या डोनाल्ड ट्रम्प कर पाएंगे ऐसा?
अमेरिका ने इस अधिनियम को हटाया नहीं है। 8 दशकों से यह शांत पड़ा है। अमेरिका में कोई जंग की स्थिति पैदा नहीं हुई है, न ही गृहयुद्ध चल रहा है। ऐसे में ट्रम्प के लिए यह करना पाना थोड़ा मुश्किल है। डोनाल्ड ट्रम्प, अमेरिकी इतिहास के बड़बोले नेताओं में शुमार हैं, ऐसे में हो सकता है कि वे राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ संशोधन करें। डोनाल्ड ट्रम्प, अपने किसी भी भाषण में ये नहीं बता रहे हैं कि किस देश के नागरिकों के खिलाफ वे एक्शन लेंगे।

प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका में करीब 725000 हिंदुस्तानी, अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं। वह अगर हिंदुस्तानियों को ही निकालें तो उन्हें पहले भारत दुश्मन घोषित करना होगा। मेक्सिको को दुश्मन मानना होगा। ऐसा कर पाना, संभव नहीं हैं क्योंकि अमेरिका के व्यापारिक हित, इससे प्रभावित होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए इसे लागू करना टेढ़ी खीर है। अमेरिकी फेडरल कोर्ट, उनके पक्ष में निर्णय सुनाने से रहा। अब वे इसे कैसे लागू करेंगे, यह देखने वाली बात होगी।

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